मध्यप्रदेश में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास
- आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप 2023 में तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें इस क्षेत्र के लिए कई समयबद्ध परिणाम और आउटपुट लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, विशेष रूप से उद्योग की जरूरतों के अनुरूप तकनीकी पाठ्यक्रम प्रदान करने, प्रशिक्षण वितरण के लिए प्रौद्योगिकी की तैनाती, प्लेसमेंट और उद्यमिता को प्राथमिकता और ऊष्मायन केंद्रों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग, मध्यप्रदेश सरकार, इस क्षेत्र के लिए नोडल विभाग है और वर्षों से इसके लगातार प्रयासों के कारण, राज्य में तकनीकी शिक्षण संस्थानों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
- 2022-23 तक, विभाग के तहत 1,300 तकनीकी शैक्षणिक संस्थान (सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और स्वायत्त सहित) हैं, जिनकी कुल क्षमता 1,94,478 है। राज्य में 1020 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) हैं, जिनमें 262 सरकारी आईटीआई और 758 निजी आईटीआई हैं। वर्ष 2022-23 के लिए इस क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन 60 लाख रुपये रहा है, जिसमें पॉलिटेक्निक के लिए सबसे अधिक आवंटन, स्वायत्त तकनीकी संस्थानों के लिए सहायता और मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना है (तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग, 2022 23)।
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सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस (CRISP)
- विभाग ने वर्ष 1997 में सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस (CRISP) की स्थापना की है।
- CRISP का उद्देश्य इच्छित लक्ष्य समूहों की तकनीकी दक्षताओं को बढ़ाना है, उदाहरण पॉलिटेक्निक के छात्र और कर्मचारी, डिप्लोमा धारकों और अन्य तकनीकी कर्मियों के प्रदर्शन को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए परामर्श और सूचना संसाधन प्रदान करना।
- क्रिस्प छोटे, मध्यम और बड़े पैमाने के उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने व उनकी चुनौतियों से निपटने के लिए जॉब वर्क और मशीनिंग के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र चला रहा है।
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना
- तकनीकी शिक्षा निदेशालय द्वारा कार्यान्वित प्रमुख योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना है।
- वर्ष 2017 में शुरू की गई, यह योजना राज्य के उन मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है, जिनके माता-पिता/ अभिभावकों की वार्षिक आय 6 लाख प्रति वर्ष रुपये से अधिक नहीं होने के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपनी 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण की है।
- इस योजना के तहत, सरकार उन छात्रों की उच्च शिक्षा शुल्क का भुगतान करती है जिन्होंने मध्यप्रदेश राज्य बोर्ड से 12वीं कक्षा में 70% या उससे अधिक प्रतिशत या सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 12वीं कक्षा 85% या उससे अधिक प्राप्त किया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए रोडमैप और प्राथमिकताएं
- आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप के अनुरूप, राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में दो इंजीनियरिंग कॉलेजों और पांच पॉलीटेक्निक में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करे।
- सभी छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को आसानी से पहुचने योग्य बनाने के उद्देश्य से, विभाग सभी सरकारी/स्वायत्त तकनीकी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए पाठ्यक्रम के आधार पर ऑनलाइन कक्षाओं के आयोजन में चल रहे प्रयासों को आगे बढ़ाने का इरादा रखता है। विषय विशेषज्ञों के वीडियो व्याख्यान और अन्य पठन सामग्री राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वेब-पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी।
- इसके अतिरिक्त, सभी सरकारी / स्वायत्त तकनीकी शिक्षण संस्थानों को राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित ई-लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान करने का चल रहा काम पूरा किया जाना है।
- मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों को मुफ्त उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 2023-24 के लिए रुपये 450 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए आत्म निर्भर मध्यप्रदेश 2023 रोडमैप में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप, ऑनलाइन कक्षाओं के प्रभावी संचालन और निरंतर मूल्यांकन और छात्रों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम उपलब्ध ऑनलाइन प्लेटफॉर्म /प्रौद्योगिकियों पर शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए संचालनलय तकनीकी शिक्षा के ट्रैनिंग कैलंडर के अनुसार क्रिस्प भोपाल, इंडो जर्मन टूल रूम इंदौर, एमएसएमइ तकनीकी सेंटर, भोपाल, आईआईटी इंदौर/आईआईएम इंदौर में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं।
- राज्य के छात्रों की बेहतर रोजगार संभावनाओं को सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी शिक्षा निदेशालय में एक कैरियर और प्लेसमेंट सेल की स्थापना की गई है (तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग, 2022 23)।
ग्लोबल स्किल्स पार्क
- सिटी कैंपस एक आधुनिकतम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान के रूप में जुलाई 2019 में भोपाल के गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित किया गया।
- इसकी स्थापना मध्यप्रदेश शासन के द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक व सिंगापुर के सहयोग से मध्यप्रदेश कौशल विकास परियोजना के अंतर्गत हुई तथा यह संस्था भारतीय तकनीकी शिक्षा के जगत में नवाचार की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम है।
- इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य प्रशिक्षणार्थियों को कुशल बनाकर इस राज्य, देश एवं इस विश्व की प्रगति में सहायक बनाना है।
- इस संस्था में प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई संस्थानों एवं पॉलिटेक्निक संस्थानों से उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को एडवांस सर्टिफिकेट इन प्रिसिशन इंजीनियरिंग का एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स कराया जाता है (तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग, 2022)।
शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस)
- शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) की शुरुआत साल 1950 में हुई थी।
- देश के औद्योगिक विकास के लिए कुशल जनशक्ति की ज़रूरत को पूरा करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी।
- इस योजना के तहत, विभिन्न व्यावसायिक ट्रेडों में कौशल प्रदान करने के लिए करीब 50 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की स्थापना की गई थी।
- साल 1956 से, शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के तहत आईटीआई का दैनिक प्रशासनिक नियंत्रण राज्य सरकारों/संघीय राज्य प्रशासनों को हस्तांतरित कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना
- परिचय
- योजना की शुरुआत – 3 अक्तूबर 2017
- मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना राज्य सरकार द्वारा वित्त-पोषित योजना है जिसके अंतर्गत रोजगारोन्मुखी राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप युवाओं हेतु कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालन करना है।
- उद्देश्य
- विभिन्न विभागों द्वारा संचालित की जा रही कौशल संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राष्ट्रीय मानकों के अनुसार (नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क अन्तर्गत) प्रमाणीकरण, एकरूपता लाते हुए प्रशिक्षण में गुणवत्ता एवं रोजगार अवसर में वृद्धि लाना हैं।
- मांग अनुसार ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करना जिसकी पूर्ति परम्परागत आई.टी.आई. पाठ्यक्रमों से करना संम्भव नहीं हैं।
- लक्ष्य समूह
- औपचारिक शिक्षा प्रणाली को छोडे़ हुए युवा।
- ऐसे व्यक्ति जो अपना कौशल विकसित कर रोजगार/स्वरोजगार चाहते हैं।
- ऐसे व्यक्ति जो अपने कौशल को बढाना चाहते हैं।
- ऐसे कामगार जो अपने अनौपचारिक कौशल का प्रमाणीकरण चाहते हैं।
- महिलाऐं और अन्य वंचित समूह।
- नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को आवासीय प्रशिक्षण।
- विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अध्र्द घुमक्कड़ वर्ग के युवा।
- पात्रता
- 15 साल से अधिक उम्र के महिला या पुरूष।
- एनएसक्यूएफ पाठ्यक्रमों के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रमों के तहत न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आवश्यक है ।
- आधार नंबर होना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री कौशल्या योजना
- परिचय
- योजना की शुरुआत – 18 अप्रैल 2017
- मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के तहत, कामगार महिलाओं को अपने अनौपचारिक कौशल का प्रमाणीकरण मिलता है।
- उद्देश्य
- रोज़गार अथवा स्वरोज़गार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को आवश्यक कौशल प्रदान करना।
- गैर-परम्परागत क्षेत्रों में कौशल प्रदान कर।
- महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करना।
- महिलाओं के रोज़गार अवसर में वृद्धि करना।
- प्रशिक्षण उपरांत पारिश्रमिक स्तर में वृद्धि हासिल करना।
- इस योजना के तहत प्रशिक्षण, निःशुल्क होगा।
- लक्ष्य
- वर्ष 2017-18 से प्रतिवर्ष 2 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा।
- नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत कौशल दक्षता के स्तर निर्धारित किये गये हैं।
- इस योजना अंतर्गत इन पाठ्यक्रमों को संचालित किया जाना प्रस्तावित है।
- सामान्यतः 15 दिवस से लेकर 9 महीने (लगभग 100 से 1200 घंटे) तक होगी।
- लक्ष्य समूह
- औपचारिक शिक्षा प्रणाली को छोड़ी हुई महिलाएं।
- ऐसी महिलाएं जो अपना कौशल विकसित कर रोज़गार / स्वरोज़गार चाहती हैं।
- ऐसी महिलाएं जो अपने कौशल को बढ़ाना चाहती हैं।
- ऐसी कामगार महिलाएं जो अपने अनौपचारिक कौशल का प्रमाणीकरण चाहती हैं।
- नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं को आवासीय प्रशिक्षण।
- पात्रता
- 15 साल से अधिक उम्र के महिला या पुरूष।
- एनएसक्यूएफ पाठ्यक्रमों के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रमों के तहत न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आवश्यक है ।
- आधार नंबर होना अनिवार्य है।