म. प्र. की जनजातियों के लिए योजनाएँ/कार्यक्रम -2 | 01

म. प्र. की जनजातियों के लिए योजनाएँ/कार्यक्रम -2

मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना 

  • योजना कब से प्रारंभ की गयी – 2013

मुख्यमंत्री निशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना - Benefits, Eligibility & How to apply

  • योजना का उद्देश्य
    1. निःशक्त विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना।
    2. निःशक्त विद्यार्थी जो दोनों पैरों से चलने में सक्षम नहीं हैं (अस्थिबाधित) उनकी पहुंच शैक्षणिक संस्थाओं तक बाधारहित/सुगम बनाना।
    3. दृष्टिबाधित एवं श्रवण बाधित विद्यार्थियों को अध्ययन हेतु सहायक उपकरण उपलब्ध कराना।
    4. निःशक्त विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराकर उनको आत्मनिर्भर बनाना।

https://t.me/swayammpofficial001

https://swayammp.in/folk-dances-mp/

प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना

  • योजना कब से प्रारंभ की गयी – 2009-10
  • योजना का उद्देश्य – माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं में उत्तीर्ण होने पर उच्च शिक्षा अध्य्यन हेतु लैपटॉप / कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध करना
  • लाभार्थी – माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12 वीं की परीक्षा में प्रथम प्रयास में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक अर्जित करना|

विमुक्त, घुमक्कड एवं अर्द्ध घुमक्कड जनजाति कल्याण विभाग राज्य छात्रवृत्ति (कक्षा १ से १०)

  • योजना का उद्देश्य – विद्यार्थियों की शिक्षा में निरंतरता एवं गुणवत्ता लाना।
  • छात्रवृत्ति सीधे विद्यार्थी के बैक खाते में भेजी जाती है|
  • आवश्यक शर्ते
    1. विमुक्त,घुमक्कड एवं अर्द्ध घुमक्कड जनजाति वर्ग के छात्र/ छात्रायें।
    2.  अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का स्थायी जाति प्रमाण पत्र की सत्यापित छाया प्रति।
    3. एक वर्ष अनुर्त्तीण होने पर भी छात्रवृत्ति की पात्रता होती है।
    4. नवीनीकरण हेतु समान दरों की कक्षाओं के लिये (जैसे कक्षा 1 से 10 के लिये) पुनः आवेदन की आवश्यकता नहीं।
    5. आय प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं।

सुदामा प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना (कक्षा ९वीं से १०वीं)

  • योजना का उद्देश्य – विद्यार्थियों की शिक्षा में निरंतरता एवं गुणवत्ता लाना।
  • विद्यार्थियों का प्रोफाइल विद्यार्थी द्वारा उपलब्ध कराये गए अभिलेख / प्रमाण पत्र अनुसार शिक्षण संस्था के शिक्षक द्वारा शिक्षा पोर्टल shikshaportal.mp.gov.in पर दर्ज किया जाता है |

सुदामा शिष्यवृत्ति योजना (कक्षा ११वीं एवं १२वीं)

  • योजना का उद्देश्य – विद्यार्थियों की शिक्षा में निरंतरता एवं गुणवत्ता लाना।
  • विद्यार्थियों का प्रोफाइल विद्यार्थी द्वारा उपलब्ध कराय गए अभिलेख / प्रमाण पत्र अनुसार शिक्षण संस्था के शिक्षक द्वारा शिक्षा पोर्टल shikshaportal.mp.gov.in पर दर्ज किया जाता है |

निःशुल्क सायकिल वितरण योजना (कक्षा 6वीं एवं 9वी में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राएँ)

  • योजना का उद्देश्य – प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था के अभाव में अध्यापन अवरुद्ध न हो, इस संदर्भ में ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन सुविधा उपलब्ध कराने की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में निःशुल्क सायकिल प्रदाय योजना प्रारंभ की गई है।
  • योजना अंतर्गत निर्धारित मापदण्ड अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत विद्यार्थी जो कि शासकीय विद्यालयों में कक्षा 09 में अध्ययनरत है, तथा वह जिस ग्राम का निवासी है उस ग्राम में शासकीय शाला संचालित नहीं है तथा वह अध्ययन के लिए किसी अन्य ग्राम/शहर के शासकीय स्कूल में जाता है, उसे आवागमन की सुविधा हेतु निःशुल्क साइकिल वितरण योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाता है।

विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण योजना

  • योजना कब से प्रारंभ की गयी – 2008
  • योजना का उद्देश्य – मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के शासकीय विधालयो मे अध्यनरत समस्त वर्ग के कक्षा 1 से 12 वीं के विधार्थियों को निशुल्क पाठयपुस्तक उपलब्ध कराना उनके उज्जवल भविष्य के लिए यह योजना एक पहल है |

राज्य शासन पिछडा वर्ग छात्रवृत्ति योजना (कक्षा ६ से १०)

  • योजना का उद्देश्य – विद्यार्थियों की शिक्षा में निरंतरता एवं गुणवत्ता लाना।
  • विद्यार्थियों का प्रोफाइल विद्यार्थी द्वारा उपलब्ध कराय गए अभिलेख / प्रमाण पत्र अनुसार शिक्षण संस्था के शिक्षक द्वारा शिक्षा पोर्टल shikshaportal.mp.gov.in पर दर्ज किया जाता है|

माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों को प्रोत्साहन हेतु राष्ट्रीय योजना  

  • योजना कब से प्रारंभ की गयी – 2008
  • अंग्रेजी में – National Scheme for Incentive to Girls for Secondary Education (NSIGSE)
  • कक्षा 9 वी में प्रवेश लेने वाली अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों से कक्षा 8 वी उर्तीण की सभी वर्गो की जो 16 वर्ष अथवा उससे कम कक्षा 9 वी में प्रवेश लेकर अध्ययनरत और एवं 10 वी कक्षा उत्तीर्ण कर 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात पात्र बालिकाओं के खाते में रु 3000 (तीन हजार) की राशि केन्द्र सरकार द्वारा जमा की जाती है जिसे वे 10 वी कक्षा उर्तीण करने तथा 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद आहरित करने हेतु पात्र होती है।
  • जो बालिकाएँ कक्षा 9 वी में प्रवेश कर कक्षा 10 वी उर्तीण करती है उन्हें भारत सरकार प्रोत्साहन के रुप में शून्य राशि से खोले गये बैंक खातों में 3000@/- रु. की प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना(20१४)

images 3

  • पात्रता – शिक्षा – कक्षा 5वीं उत्तीर्ण, आयु सीमा 18 से 45 वर्ष ।
  • योजना अंतर्गत देय सहायता/ राशि :- परियोजना लागत राशि:- न्यूनतम रू. 50 हजार से रू. 10 लाख तक का बैंक ऋण।

मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना(20१४)

  • पात्रता :- आयु सीमा 18 से 55 वर्ष। आय – बी.पी.एल. श्रेणी।
  • योजना अंतर्गत देय सहायता/ राशि :- परियोजना लागत :- अधिकतम रू. 50 हजार तक का बैंक ऋण

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना (20१४)

  • पात्रता – शिक्षा – कक्षा 10वीं उत्तीर्ण, आयु सीमा 18 से 40 वर्ष।

MP Yuva Udyami Yojana 2023: online apply, Registration process and other details |

  • योजना अंतर्गत देय सहायता/ राशि – न्यूनतम रू. 10 लाख से 2 करोड़ तक का बैंक ऋण।

विभागीय योजनाओं का कंप्यूटरीकरण (MPTAAS)

  • योजना कब से प्रारंभ की गयी – २०1८ (संभवतः)
  • अंग्रेजी में नाम – Madhya Pradesh Tribal Affairs Automation System.(MPTAAS
  • वर्तमान नामMPTAASCMadhya Pradesh Tribal Affairs & Scheduled Caste Welfare Automation System.
  • योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सॉफ्टवेयर है | विभाग के सभी हितग्राही अब ऑनलाइन माध्यम से विभाग की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
  • इसके लिए उन्हें विभिन्न कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे वरन् किसी भी इंटरनेट कियोस्क पर जाकर विभागीय वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। उनके आवेदन की क्या स्थिति है?, के संबंध में उन्हें निरंतर SMS तथा ईमेल प्राप्त होते रहेंगे।
  • विभाग की योजनाएं जैसे प्रतिभा योजना, UPSC कोचिंग, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, आकांक्षा योजना, साइकिल प्रदाय योजना इत्यादि के लिए भी पृथक-पृथक मॉड्यूल विकसित किए गए हैं।

संरक्षण सह विकास योजना (सी.सी.डी प्लान )

  • योजना कब से प्रारंभ की गयी – 1998-९९
  • विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के विकास हेतु संचालित है, जिसके अन्तर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ पेयजल, कृषि एवं उद्यानिकी विकास, आवास, प्रशिक्षण एवं रोजगार तथा संस्कृति संरक्षण तथा अधोसंरचनात्मक कार्य भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं।
  • उद्देश्य – पीवीटीजी को त्वरित विकास और आजीविका, आवास, सुरक्षित पेयजल तक पहुंच, साक्षरता और सड़कों तक पहुंच में सुधार के अवसर प्रदान करने के लिए विकासात्मक इनपुट प्रदान करना।
  • योजना के तहत लाभ – बुनियादी ढांचे का निर्माण, सड़कों का निर्माण, शैक्षिक सुविधाएं, पेयजल सुविधाएं, स्वास्थ्य सुविधाएं, कृषि विकास, भूमिहीनों को भूमि वितरण, मवेशी विकास, आय सृजन गतिविधियां, परंपरा की सुरक्षा आदि।

माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों को प्रोत्साहन हेतु राष्ट्रीय योजना 

  • योजना कब से प्रारंभ की गयी – 2008
  • अंग्रेजी में – National Scheme for Incentive to Girls for Secondary Education (NSIGSE)
  • कक्षा 9 वी में प्रवेश लेने वाली अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों से कक्षा 8 वी उर्तीण की सभी वर्गो की जो 16 वर्ष अथवा उससे कम कक्षा 9 वी में प्रवेश लेकर अध्ययनरत और एवं 10 वी कक्षा उत्तीर्ण कर 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात पात्र बालिकाओं के खाते में रु 3000 (तीन हजार) की राशि केन्द्र सरकार द्वारा जमा की जाती है जिसे वे 10 वी कक्षा उर्तीण करने तथा 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद आहरित करने हेतु पात्र होती है।
  • जो बालिकाएँ कक्षा 9 वी में प्रवेश कर कक्षा 10 वी उर्तीण करती है उन्हें भारत सरकार प्रोत्साहन के रुप में शून्य राशि से खोले गये बैंक खातों में 3000@/- रु. की प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है।

वनाधिकार अधिनियम 2006 अन्तर्गत हितग्राही एवं सामुदायिक योजना

  • मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 का क्रियान्वयन दिनांक 1 जनवरी 2008 से किया जा रहा है।
  • इस अधिनियम को संक्षिप्त नाम वन अधिकार अधिनियम 2006 के नाम से भी जाना जाता है।
  • वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सभी जिलों में ग्राम स्तर पर ग्राम वनाधिकार समिति, उपखंड स्तर पर उपखंड स्तरीय वनाधिकार समिति एवं जिला स्तर पर जिला स्तरीय वनाधिकार समितियों का गठन किया गया। प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय निगरानी समिति गठित है।

वनाधिकार 2006: देश में 50% दावों के निपटान के मुकाबले उत्तराखंड में 16 सालों से प्रगति लगभग शून्य | न्यूज़क्लिक

  • वन अधिकार पत्र धारकों द्वारा धारित भूमि का नक्शा पी.डी.ए. मशीन से तैयार किया जाकर अधिकार पत्र तैयार किये जा रहे है, जिसमें दावाकर्ता का फोटों सहित अन्य जानकारी रहती है। वन अधिकार पत्र धारकों की जानकारी वन विभाग की वेबसाईट forest.org पर संधारित की जा रही है।
  • मध्यप्रदेश राज्य में वनाधिकार अधिनियम के सबसे पहले प्रभावी क्रियान्वयन के लिये वर्ष 2009-10 में राज्य को प्रधानमंत्री पुरस्कार भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया।
  • सामुदायिक वनाधिकार पत्र दिये जाने के मामले में मध्यप्रदेश राज्य देश में प्रथम स्थान पर है। देश में सबसे ज्यादा सामुदायिक वनाधिकार पत्र मध्यप्रदेश राज्य में दिये गये हैं।
  • राज्य की डिण्डौरी जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के बैगा जनजाति की सात बसाहटों में हैबिटेट राईट्स दिये गये हैं। हैबिटेट राईट्स के मामले में भी राज्य देश में अग्रणीय है।

मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना

  • योजना कब से प्रारंभ की गयी – 2017-18
  • मेपसेट(MAPCET) के माध्यम से PPP (Public Private Partnership) मोड पर संचालित की जा रही है।

Request for Proposal MAPCET

  • योजनांतर्गत विभिन्न ट्रेडर्स/सेक्टर्स में तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर युवक/युवतियों को रोजगार में नियोजित कराया जाता है।
  • अनुसूचित जनजाति वर्ग के 18 से 35 वर्ष आयु के शिक्षित युवाओं को विभिन्न रोजगारोन्मुखी व्यवसायों में नियोजित करने अथवा उन्हें स्वरोजगार में स्थापित करने हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित NSQF में मापदण्डों के अनुरूप प्रशिक्षित किये जाने हेतु संचालित।

प्रधान मंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY)

  • भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से विशेष केन्द्रीय सहायता से  प्रारम्भ‍ है।
  • जनजातीय उप-योजना का परिवर्तित रूप है। जनजातियों के सर्वांगीण विकास हेतु पांचवी पंचवर्षीय योजना काल से आदिवासी उपयोजना की रणनीति अपनाई गयी, इसी रणनीति के तहत छठी, सातवीं एवं आठवीं पंचवर्षीय योजना काल के दौरान प्रदेश की जनजातियों के विकास के लिये योजनाबद्ध तरीके से विभिन्न विकास विभागों द्वारा योजनायें क्रियान्वित की जाती रही है।प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
  • प्रधान मंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य – सड़क , टेलीकॉम कनेक्टिविटी (मोबाइल/इंटरनेट), स्कू(ल, आंगनवाडी,स्वास्‍थ्‍य केन्द्र ,पेयजल सुविधा, ड्रेनेज एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कौशल विकास, सामुदायिक वन विकास, वन धन योजना एवं जल संसाधनों का संरक्षण करना।
  • योजना के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति एवं राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

आदिवासी अनुदान प्रबंधन प्रणाली(आदिग्राम) पोर्टल

  • अंग्रेजी में – ADIVASI GRANTS MANAGEMENT SYSTEM (ADIGRAMS) पोर्टल
  • पोर्टल जनजातीय मामलों के मंत्रालय और राज्य जनजातीय विकास/कल्याण विभाग को नवीनतम योजनावार भौतिक और वित्तीय जानकारी और प्रगति तक पहुंचने, बातचीत करने और विश्लेषण करने के लिए एक केंद्रीय डेटाबेस प्रदान करेगा।

आदिग्राम: आदिवासी अनुदान प्रबंधन प्रणाली

  • पोर्टल केंद्र, राज्य, जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर अधिकारियों/हितधारकों को वास्तविक समय के आधार पर प्रदर्शन तक पहुंचने, निगरानी करने और मापने और तदनुसार निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा।
  • पोर्टल MoTA की विभिन्न योजनाओं के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करने और अनुमोदन की प्रक्रिया को भी पूरी तरह से डिजिटल बना देगा।

एम.पी.वनमित्र पोर्टल

  • अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 तथा नियम, 2008 एवं संशोधन नियम, 2012’ इस अधिनियम का सुगम कार्यान्वयन करने के लिए ‘वनमित्र’ साफ्टवेयर तैयार किया गया है।
  • इस साफ्टवेयर की सहायता से व्यक्तिगत तथा सामुदायिक वन अधिकार दावों को ऑनलाइन प्रस्तुत किया जायेगा।

होम | एम.पी.वनमित्र

  • दावेदार अपने दर्ज किये गए दावे की वर्तमान स्थिति ऑनलाईन प्राप्त कर सकेगा। ‘वनमित्र’ के उपयोग के लिए लॉग इन करें।
Scroll to Top