म.प्र. राज्य नीति एवं योजना आयोग का परिचय
- अध्यक्ष – मुख्यमंत्री
- उपाध्यक्ष (3) – नामित उपाध्यक्ष + पदेन उपाध्यक्ष + पदेन उपाध्यक्ष
- सदस्य(6) – नामित सदस्य + नामित सदस्य
- मध्यप्रदेश सरकार ने “राज्य योजना आयोग” का नाम बदलकर 2020 में “राज्य नीति एवं योजना आयोग” कर दिया है। आयोग का नाम बदलने के साथ ही इसके कार्यक्षेत्र में विस्तार भी किया गया है।
- राज्य नीति एवं योजना आयोग का काम प्रदेश के सभी विभागों के बीच समन्वय से जुड़ी हुई योजनाओं के लिए दीर्घकालीन एक्शन प्लान तैयार करने के साथ ही सभी विभागों की प्रचलित नीतियों की समीक्षा करके उनमें बदलाव एवं सुधार के लिए प्रदेश सरकार को सुझाव देना भी होगा।
- प्रदेश में 24 अक्टूबर 1972 को राज्य योजना बोर्ड का गठन किया गया था।
- 21 सितंबर 2007 को मध्यप्रदेश सरकार ने इसे आयोग का दर्जा देते हुए राज्य योजना आयोग बना दिया था।
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म.प्र. राज्य नीति एवं योजना आयोग के कार्य
1.आकांक्षी जिलों की मॉनीटरिंग
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- नीति एवं योजना आयोग का कार्यक्षेत्र बढ़ाते हुए सरकार ने इसे कई अहम जिम्मेदारियां सौंपी है।
- नीति आयोग द्वारा चयनित आकांक्षी जिलों और प्रदेश सरकार द्वारा चुने गए आकांक्षी विकासखंडों में शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर के कामकाज को मॉनीटर करने के साथ ही इसके लिए सरकार को सुझाव देने का काम भी करेगा ।
2. सी एम डैश बोर्ड का संचालन – मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव द्वारा चुनी गई महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा के लिए आयोग सी एम डैश बोर्ड का संचालन भी करेगा।
3. नीति आयोग की क्रियान्वयन ऐजेंसी – नीति आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश और सुझावों को लागू कराने का काम भी राज्य के आयोग का होगा।
4. राज्यों की रैंकिंग पर रिसर्च – इसके साथ ही नीति आयोग द्वारा अलग-अलग विषयों पर जारी की जाने वाली राज्यों की रैंकिंग पर भी प्रदेश का आयोग रिसर्च करेगा, इसमें राज्य विकास सूचकांक, मानव विकास सूचकांक जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं।
5. अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ समन्वय – आयोग यूएनडीपी, यूनीसेफ जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ समन्वय का काम भी करेगा।