सूचना और संचार प्रौद्योगिकी क्या है? इतिहास, अवयव, विधियाँ और अन्य| 001

सूचना और संचार प्रौद्योगिकी क्या है?

सूचना :- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में सूचना एक विचार, सिद्धांत या तथ्य हो सकता है।

संचार :- सूचनाओं को उनके गंतव्य तक पहुँचाने की विधा संचार है।

76 cJO

https://t.me/swayammpofficial001

संचार प्रौद्योगिकी का प्रारंभ

सैम्युअल मोर्स द्वारा, टेलीग्राफ के आविष्कार से ।(प्रसारण सिद्धांत के आधार पर)

तांबे के तार से विद्युत संप्रेषण का आरम्भ ।

ग्राहम बैल द्वारा टेलीफोन की खोज।

1myjve

सूचना :- एक विचार, सिद्धांत या तथ्य हो सकता है।

संचार :- सूचनाओं को उनके गंतव्य तक पहुँचाने की विधा संचार है।

https://swayammp.in/%e0%a4%87%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%9f-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9a%e0%a4%af-%e0%a4%87%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%9f/

संचार प्रणाली के अवयव

संचार चैनल

  • क्या :- भौतिक माध्यम है, जो ट्रांसमीटर और रिसीवर को जोड़ता है।
  • प्रकार :- तार युक्त अथवा तार रहित (Wireless) हो सकता है।

DV9G 1

ट्रांसमीटर

  • क्या :- एक इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस है।
  • मुख्य कार्य
  1. संदेश सिग्नल को परिवर्तित कर, चैनल के माध्यम से संप्रेषित करना।
  2. सूचना के स्रोत से प्राप्त संदेशों को विद्युत सिग्नल में परिवर्तित करना ।
  • उदाहरण :- ध्वनि को ट्रांसड्यूसर की सहायता से पहले विद्युत चुम्बकीय तरंगों के रूप में बदला जाता है, फिर उसे ट्रांसमीटर द्वारा संप्रेषित किया जाता है।

रिसीवर

  • यह भेजे गये सिग्नल में से शोर को अलग करता है।
  • संकेत को डिकोड करके इच्छित संदेश उपलब्ध कराता है।

संचार के प्रकार

पॉइंट टू पॉइंट

  • यह क्रिया एक ट्रांसमीटर व रिसीवर के मध्य सम्पन्न होती है।
  • जैसे– मोबाइल संचार।

1 Ymq9g7SILfFIW Z lP4bAQ

प्रसारण

  • इस प्रकार का संचार एक ट्रांसमीटर तथा अनेक रिसीवरों के मध्य सम्पन्न होता है।
  • जैंसे – उदाहरण के लिए, ‘द कपिल शर्मा शो टीवी कार्यक्रम’ का प्रसारण एक साथ स्टार प्लस और दूरदर्शन पर किया जाता था।

संचार की विधियाँ

सिम्प्लेक्स विधि(Simplex Method)

  • इसमें डाटा व सूचनाओं को केवल एक ही दिशा में संचारित किया जाता है।
  • अर्थात् प्रेषक से प्राप्तकर्ता की ओर।

unnamed 2 1

  • इसमें सूचना व डाटा का प्राप्त होना सुनिश्चित नहीं होता है।
  • जैसे-रेडियो या टी।वी। का प्रसारण।

अर्द्धडुप्लेक्स विधि (Half Duplex Method)

  • इसमें सूचनाओं को दोनों दिशाओं में संचारित किया जा सकता है। अर्थात् प्रेषक से प्राप्तकर्ता की ओर और प्राप्तकर्ता से प्रेषक की ओर।
  • उदाहरण – रेडियो वॉकी-टॉकी ।

images 1 2

पूर्ण डुप्लेक्स विधि (Full Duplex Method)

  • इसमें सूचना तथा डाटा को एक साथ दोनों दिशाओं में संप्रेषित किया जा सकता है और प्राप्त किया जा सकता है। इसमें सूचना तत्काल प्राप्त होती है।
  • जैसे – टेलीफोन पर वार्तालाप।

unnamed 3

सिग्नल क्या है?

क्या :- विद्युतीय रूप में बदली गई सूचना, जो प्रेषण के लिए उपयुक्त हो ।

bnca radar3

प्रकार

1. एनालॉग सिग्नल

    • यह वोल्टेज या धारा के सतत् परिवर्तन होते हैं।
    • एक निश्चित समय पर एक निश्चित मान होता है।

QSZm

    • उदाहरण – माइक्रोफोन ।

2. डिजिटल सिग्नल

    • ये सिग्नल चरणबद्ध व अलग-अलग मान प्राप्त करते हैं।
    • बाइनरी पद्धति पर आधारित हैं, जिसमें सिग्नल के दो स्तर होते हैं ।
    • ‘0’ निम्न वोल्टेज धारा को प्रदर्शित करता है, तो

DM Motion V41

    • ‘1’ उच्च वोल्टेज धारा को प्रदर्शित करता है।
    • उदाहरण – डिजिटल घड़ी, कैलकुलेटर, डिजिटल स्पीडोमीटर, LCD  स्क्रीन आदि ।

उपयोग

  1. वस्तुओं की गणना ।
  2. समय मापन ।
  3. ताप मापन ।
  4. रासायनिक अन्वेषण और रेडियो सक्रिय पदार्थों आदि की खोज ।

विद्युत चुम्बकीय तरंगें क्या है?

क्या हैं ?

  • वे तरंगें जिन्हें संचालित होने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं (निर्वात में भी संचरित) होती है।
  • प्रकाश के वेग से गति करती है ।
  • फोटॉन से मिलकर बनी होती है।

9c07f9379f10b958708ab1ef85e1d963

प्रयोग :- अंतरिक्ष संचार में ।

आविष्कार

  • खोज :- मैक्सवेल ने ।
  • विद्युत चुम्बकीय तरंगों का प्रायोगिक उत्पादन :- हर्ट्ज ने ।
  • जगदीश चन्द्र बसु ने हर्ट्ज की तुलना में कम तरंगदैर्ध्य वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगें (25 मिलीमीटर-5 मिलीमीटर तक) प्राप्त की।

माइक्रोवेव विद्युत चुम्बकीय तरंग क्या है?

क्या :- माइक्रोवेव विद्युत चुम्बकीय तरंगों की तरंगदैर्ध्य 10 सेंटीमीटर से 1 मिलीमीटर तक होती है।

मॉड्यूलेशन (Modulation) क्या है?

क्या :- रिसीवर तक भेजे जाने वाले मूल संदेश सिग्नल की आवृत्ति कम होने के कारण ट्रांसमीटर द्वारा अधिक आवृत्ति की तरंग पर अध्यारोपित किया जाता है, इसे ही मॉड्यूलेशन कहते हैं।

प्रकार

  1. आयाम मॉड्यूलेशन (Amplitude Modulation AM)
  2. आवृत्ति मॉड्यूलेशन (Frequency Modulation FM)
  3. कला मॉड्यूलेशन (Phase Modulation- PM)

1 आयाम मॉड्यूलेशन

  • क्या :- इसमें वाहक तरंगों के आयाम को सूचना तरंगों के आयाम के आधार पर बदला जाता है।
  • प्रयोग :- ध्वनि तरंगों के प्रसारण में ।
  • जैसे :- रेडियो में ।

2 आवृत्ति मॉड्यूलेशन

  • क्या :- इसमें वाहक तरंगों की आवृत्ति को सूचना तरंगों के आयाम के आधार पर बदला जाता है।
  • ये विद्युत उपकरणों द्वारा पैदा तरंगें हैं, जो मुख्यतः आयामी तरंगें होती है।
  • प्रसारण की गुणवत्ता अच्छी तथा बैंडविड्थ अधिक होता है।

3 कला मॉड्यूलेशन

  • इसमें वाहक तरंगों की कला को सूचना तरंगों के आयाम के आधार पर बदला जाता है।

डिमॉड्यूलेशन – वाहक तरंग से मूल संदेश को अलग करने की प्रक्रिया डिमॉड्यूलेशन कहलाती है।

संचार हेतु प्रयुक्त तरंगें

1 भू-तरंग संचरण(Ground Wave Propagation)

  • इनका प्रयोग कम आवृत्ति के सिग्नलों को ट्रांसमिट करने हेतु होता है।
  • पृथ्वी द्वारा ऊर्जा के अवशोषण से ये तरंगे क्षीण हो जाती हैं।
  • इस संचरण का प्रयोग कम दूरी के संचार हेतु किया जाता है।
  • इसमें सिग्नल तरंग ट्रांसमीटर से रिसीवर तक एक सीधी रेखा में गमन नहीं करती, यह पृथ्वी की वक्रता का अनुसरण करती है।

transmitting carrier waves

2 आकाश तरंग संचरण(Sky Wave Propagation )

  • इस संचरण का प्रयोग 3-30 MH, तक की आवृत्ति वाली रेडियो तरंगों के संचरण में किया जाता है।
  • इन तरंगों का संचरण समुद्र तल से लगभग 65-400 कि।मी। की ऊँचाई के मध्य होता हैं।
  • यह संचरण प्रकाश के परावर्तन सिद्धांत पर आधारित है।

3 अंतरिक्ष तरंग संचरण(Space Wave Propagation)

  • 40MH, से अधिक आवृत्ति की तरंगदैर्ध्य का संचरण इस माध्यम से होता है।
  • दृष्टिरेखीय रेडियो संचार तथा उपग्रह संचार में इस संचरण का प्रयोग होता है।

ऑप्टिकल फाइबर क्या है?

निर्माण :- सिलिकॉन डाइऑक्साइड + सोडियम ऑक्साइड + कैल्श्यिम ऑक्साइड ।

अवधारणा

  • वर्ष 1870 में,
  • ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन डिनडॉल ने।

GYZG3108

आधारित :- पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर ।

Multi Mode Fiber Optic 0

विशेषताएँ

  • इसका प्रयोग 1-100 TH, की आवृत्तियों की तरंगों के संचरण में होता है ।
  • सूचनाओं का संप्रेषण प्रकाश पुंजों के रूप में होता है।
  • इसमें विद्युत ऊर्जा का क्षय नहीं होता।
  • इसमें विद्युत क्षेत्र का सृजन नहीं होता ।
  • इसमें एनालॉग या डिजिटल सूचना को प्रकाश उत्सर्जक डायोड द्वारा प्रकाश संकेतों में बदला जाता है।

उदाहरण

  • ट्रेफिक लाइट में,
  • ऑटोमेटिक टोल बूथ मेंव a
  • कैंसर व फेफड़ों के इलाज में ।

डॉर्क फाइबर

  • यह एक ऑप्टिकल फाइबर है।
  • इसे बिछाया जा चुका हैंपरंतु वर्तमान में इस फाइबर ऑप्टिक का संचार में उपयोग नहीं है।
  • अधिक बैंडविड्थ की आवश्यकता होने पर लागत पुनरावृत्ति से बचने के लिए कम्पनियाँ इस ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग करती है।
  • रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने डॉर्क फाइबर हेतु भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड से सम्पर्क किया है।

अन्य तथ्य

  • भारत में ऑप्टिकल फाइबर की पहली लाइन पुणे के शिवाजी नगर से कंटोमेंट के बीच बिछायी गयी।
  • भारत का पहला ऑप्टिकल फाइबर कारखाना मध्यप्रदेश में है।
  • देश का पहला ऑप्टिकल फाइबर केबल युक्त शहर गुरूग्राम है।

टेलीविजन का विकासक्रम, प्रकार, भारत में टेलीविजन का विकास | 001

रोबोटिक्स क्या है? विकास, घटक, वर्गीकरण, अनुप्रयोग, भारत में रोबोटिक्स

कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है? विकासक्रम, सिद्धांत, प्रकार और अनुप्रयोग, भारत और विश्व में कृत्रिम बुद्धिमत्ता

साइबर अपराध, हैकिंग, कम्प्यूटर वायरस, साइबर सुरक्षा क्या है?

सोशल-मीडिया क्या है? इतिहास, प्रकार, लाभ-हानि और प्रमुख सोशल नेटवर्किंग साइट01

इंटरनेट का परिचय, विकास, उपयोग, प्रोटोकॉल, शब्दावलियाँ और भारत में इंटरनेट001

Scroll to Top