Spam mail:
  • Spam Email को Junk Mail भी कहा जाता है। यह वो अनचाही ईमेल होती हैं, जिन्हे Recipient किसी Unknown Source से प्राप्त करता है।
  • इन्हे Sender द्वारा किसी खास उद्देश्य जैसे, मार्केटिंग, प्रोडक्ट प्रमोटिंग, सर्विस विज्ञापन या किसी प्रकार के Phising Attack या Scam के लिए एक ही समय पर एक साथ हजारों या लाखों लोगों को Send किया जाता है, ताकि लोगों का ध्यान उस ईमेल की तरफ आकर्षित हो और वे भेजे गए प्रोडक्ट या सर्विस को सब्सक्राइब करें या खरीद लें।
  • साथ ही कई बार साइबर अपराधियों द्वारा भी स्पैम ईमेल को एक टूल की तरह उपयोग किया जाता है, जिसमे ईमेल के साथ Infected Link या Attachment को जोड़ दिया जाता है, ताकि ईमेल प्राप्तकर्ता (Recipient) को किसी प्रकार का नुकसान पहुँचाया जा सके।
  • कोई भी ऐसा ईमेल जिसमे कुछ Unwanted Content हो, विज्ञापन जुड़ा हो, या उसमे किसी प्रकार का Risk Detect होता है, तो वह ईमेल सीधे तोर पर आपके Spam Folder पर चला जाता है।top image without frame Avoiding Email Spam Filters
स्पैम फोल्डर क्या है। Spam Folder Spam Folder आपके ईमेल पोर्टल के अंदर वह स्थान होता है, जहाँ पर किसी भी प्रकार की अवांछित (Unwanted) ईमेल या Junk Email स्वतः ही Move हो जाती है। हर एक यूजर को प्रतिदिन ऐसी सैकड़ों ईमेल आते हैं, जिनमे विज्ञापन, प्रमोशन या वायरस, स्पाईवेयर जैसा Risk जुड़ा होता है, तो इस प्रकार की सभी ईमेल स्वतः आपके Spam Folder में चले जाते हैं। स्पैम को कैसे रोका जा सकता है।-
  • Gmail, Yahoo Mail, Outlook थता Apple Mail इत्यादि सभी ईमेल सर्विस में आपको Mark As Spam का ऑप्शन मिल जाता है। वैसे तो सभी ईमेल सर्विस प्रदाता ईमेल फिल्टर्स का उपयोग करते हैं, जिनसे काफी हद तक स्पैम रुक जाता है
  • कोई भी ऐसा ईमेल जो किसी Unknown Source से भेजा गया है, और आपको स्पैम प्रतीत हो रहा है, तो उसे बिना चेक करे या खोले डिलीट करे दें।
  • अपनी ईमेल आईडी को पब्लिक प्लेटफार्म या किसी वेबसाइट पर डालने से बचें, जब तक की वह जरुरी ना हो, क्योंकि इस से आपको प्राप्त हो रही स्पैम ईमेल की संख्या में वृद्धि नहीं होगी।
  • . अनावश्यक वेबसाइटस को सब्सक्राइब ना करें और यदि कर लिया है, तो अनसब्सक्राइब कर लें, यह भी स्पैम ईमेल का एक बड़ा कारण होते हैं।
Logic Bomb:
  • लॉजिक बम एक प्रोग्राम में निर्देशों का एक सेट है जिसमें दुर्भावनापूर्ण पेलोड होता है जो किसी ऑपरेटिंग सिस्टम, प्रोग्राम या नेटवर्क पर हमला कर सकता है। कुछ शर्तें पूरी होने के बाद ही यह बंद होता है। इन स्थितियों का एक सरल उदाहरण एक विशिष्ट तिथि या समय है।
  • लॉजिक बमों की गुप्त प्रकृति उन्हें खतरनाक बना सकती है। न केवल वे फूटने के इंतजार में ज्वालामुखी की तरह सोए हुए हैं, बल्कि उनके पेलोड एक अज्ञात खतरा हैं। इन हमलों के लक्ष्यों को पूरी तरह से आश्चर्यचकित करके पकड़ा जा सकता है।
  • इसके अतिरिक्त, हमले के पीछे धमकी देने वाले को पकड़ना कोई सीधा काम नहीं है क्योंकि लॉजिक बम के अंतिम चरण के दौरान सबूत नष्ट किए जा सकते हैं। इसके अलावा, हमलावर अतिरिक्त समय का उपयोग अपने ट्रैक को कवर करने के लिए कर सकते हैं।Logic Bomb Definition
Logic Bomb Example:
  1. 2000: डॉयचे मॉर्गन ग्रेनफेल के एक प्रतिभूति व्यापारी और प्रोग्रामर को ग्रैंड जूरी के समक्ष दोषी ठहराया गया था। शुक्र है, 1996 का उनका लॉजिक बम 2000 में विस्फोट होने से पहले ही खोज लिया गया था।
  2. 2003: मेडको हेल्थ सॉल्यूशंस में एक यूनिक्स प्रशासक का लॉजिक बम प्रोग्रामिंग त्रुटि के कारण नहीं फटा। जब किसी अन्य व्यवस्थापक ने दोबारा प्रयास किया तो इसे खोजा गया और अक्षम कर दिया गया। दोषी को जेल की सजा सुनाई गई और 81,200 डॉलर का जुर्माना लगाया गया।
  3. 2006: स्विस बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक यूबीएस ग्रुप एजी के एक सिस्टम प्रशासक ने उसके नेटवर्क को नुकसान पहुंचाने और उसके स्टॉक को कम करने के लिए एक लॉजिक बम को अंजाम दिया। उन्हें आठ साल से अधिक जेल की सजा सुनाई गई और 3 मिलियन डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया गया।
  4. 2008: एक आईटी ठेकेदार का लॉजिक बम बंधक दिग्गज फैनी मॅई के 4000 सर्वरों को नष्ट करने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन समय रहते इसे रोक दिया गया। ठेकेदार को 41 महीने जेल की सजा सुनाई गई।
  5. 2013: दक्षिण कोरिया के ख़िलाफ़ एक लॉजिक बम ने कई बैंकों और मीडिया कंपनियों का डेटा मिटा दिया।
  6. 2019: सीमेंस कॉर्पोरेशन के एक अनुबंध कर्मचारी को उसके द्वारा डिज़ाइन किए गए कार्यक्रमों में लॉजिक बम लगाने के बाद पकड़ा गया था। उनका लक्ष्य क्षति की मरम्मत के लिए कंपनी से अधिक काम प्राप्त करना था।
Denial Of Service(DOS attack) Attack Dos Attack में हैकर किसी website/network को टारगेट बनाता है और इतनी ज्यादा ट्रैफिक generate करता है कि वेबसाइट/नेटवर्क उस ट्रैफिक को हैंडल नहीं कर पाता है और आखिरकार बंद हो जाता है। ऐसे में उस वेबसाइट के जितने भी रियल user होते हैं वे भी वेबसाइट पर available डाटा को access नहीं कर पाते हैं। हर वेबसाइट या सर्वर की एक लिमिट होती है कि वह एक टाइम में ज्यादा-से-ज्यादा कितने users को  हैंडल कर सकता है लेकिन यह अटैक ऐसा होता है जिसमें लगातार बहुत ज्यादा ट्रैफिक generate होता है और जिसके वजह से सर्वर स्लो हो जाता है और कई बार क्रैश भी अगर हम वेबसाइट/सर्वर की बात करें तो आपने कई बार देखा होगा ही कुछ websites जिनपे बहुत ज्यादा ट्रैफिक आता है बहुत ही स्लो हो जाती है। जैसे कि websites जिनपे किसी एग्जाम का रिजल्ट आना होता है तो उनपे एक ही टाइम में बहुत सारे लोग एक साथ विजिट करते हैं, वेबसाइट थोडा स्लो काम करता है। माना ये जो वेबसाइट है उसकी लिमिट है कि वो per second 1000 लोगों को हैंडल कर सकती है, लेकिन अगर इस वेबसाइट पर Dos Attack हो जाये मतलब कि इस वेबसाइट पर fake traffic आनी शुरू हो जाये तो per second user बढ़ जायेंगे और आखिरकार सर्वर स्लो होते होते बंद भी हो सकता है तो तो ऐसे condition में जो real विजिटर है वो अपना रिजल्ट नहीं देख पाएंगे। इसे ही Dos Attack कहते हैं जिसमें fake traffic भेजकर सर्वर को इतना busy कर दिया जाता है कि वो स्लो होते होते बंद हो जाता है और उस वेबसाइट के रियल users डाटा एक्सेस नहीं कर पाते हैं।62826a3497d4ec066e41c9f0 DoS in action Dos Attack को रोकने के लिए और कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित माध्यम से प्रदर्शित किए गए हैं।
  • आपको अपने नेटवर्क के लिए firewall configuration का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • Traffic Filtering भी एक अच्छा विकल्प है। इसमें आप एक्सेस कंट्रोल लिस्ट व DOS फिल्टर जैसे टूल्स का यूज़ करें जिनकी सहायता से आप अनजान या अनगिनत यूजर्स के माध्यम से आने वाले ट्रैफिक को रोक सकते हैं।
  • Bandwidth के इस्तेमाल पर कंट्रोल रखें तथा प्रतिबंध को सेट कर दे। इनसे जो अत्यधिक ट्राफिक आता है उसको रोका जा सकता है।
अपनी वेबसाइट को सिक्योर रखने के लिए आप कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) जैसी सर्विस का यूज कर सकते हैं।
  • अपने डिवाइस के सभी सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन और ऑपरेटिंग सिस्टम को समय-समय पर patch और अपडेट करते रहना चाहिए।image11
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