कंप्यूटर का विकासक्रम
(Abacus) या गिनतारा
क्या है– कंप्यूटर का विकासक्रम के विकासक्रम का आधार, प्राचीन गणना यंत्र, जिसका आविष्कार प्राचीन बेबीलोन(5000 वर्ष पूर्व) में हुआ था।
महत्व– विश्व जगत का पहला गणक यंत्र है, जिसे अंको की गणना हेतु बनाया गया था।
संरचना– तारों(Wires) में गोलाकार मनके(Beads) पिरोय जाते हैं, जो गणना में सहायक होते हैं।
इंटरनेट का परिचय, विकास, उपयोग, प्रोटोकॉल, शब्दावलियाँ और भारत में इंटरनेट001
पास्कलाइन(Pascaline)
क्या है– प्रथम यांत्रिक गणना मशीन(Mechanical Calculator)।
आविष्कारकर्ता– Blaise Pascal(1642), इन्होंने पिता की tax calculation में मदद हेतु, इसे खोजा था।
विशेषता– यह केवल जोड़(+) व घटा(-) सकती थी, अतः इसे ऐडिंग मशीन(Adding Machine) भी कहा गया।
डिफरेंस इंजन(Diffrence Engine) और एनालिटिकल इंजन(Analytical Engine)
क्या है– विश्व का पहला कंप्यूटर माना जाता है। इसी वजह से, Charles Babbage को ‘कंप्यूटर का जनक’ माना जाता है।
आविष्कार– 1822 में डिफरेंस इंजन और 1842 में एनालिटिकल इंजन ( Charles Babbage) द्वारा बनाया गया।
विशेषता
- डिफरेंस इंजन भाप( vapour) से चलता था, वहीं एनालिटिकल इंजन भी स्वचालित मशीन थी।
- एनालिटिकल इंजन, पंचकार्ड(punch card) के दिशानिर्देशों के अनुरूप, अंकगणितीय गणनाएं(arithmetic calculations) करता था।
- लेडी एडा आगस्टा( Ada Augusta)
- इन्होंने एनालिटिकल इंजन में, पहला प्रोग्राम डाला। इसीलिए, इन्हें ‘दुनिया का प्रथम programmer’ की संज्ञा दी जाती है।
- इन्होंने, दो अंको की संख्या प्रणाली यानि बाइनरी प्रणाली(Binary System) को आविष्कृत किया है।
सेंसस टेबुलेटर
क्या है– विद्युत चालित यंत्र(electric device) था।
आविष्कारकर्ता– Herman hollerith(1890), इन्होंने अमेरिकी जनगणना में, इसे आजमाया था।
विशेषता– इन्हें, कंप्यूटर के अनुप्रयोग के लिए, मेमोरी के रूप में पंच-कार्ड के आविष्कार का श्रेय, दिया जाता है।
पंचकार्ड
- कागज का बना एक कार्ड, जिसमें पंच द्वारा छेद कर डाटा और प्रोग्राम संग्रहित किए जाते हैं।
- पंच प्रोग्रामर द्वारा डाटा लिखा जाता है, जबकि पंच रीडर द्वारा पड़ा।
- इसका आविष्कार, Joseph Mary ने किया था।
- इसका प्रथम अनुप्रयोग, टेक्सटाइल उद्योग में कपड़ा बुनने की मशीनों को नियंत्रित करना था।
मार्क-1
क्या है– ‘पूर्ण-स्वचालित विद्युत यांत्रिक गणना यंत्र’।
आविष्कारकर्ता– Haward Aikan(1937-44)। इन्होंने IMD(lnternational Bussiness Machine) की सहायता से इसे पूर्ण किया।
विशेषता
- 15 फीट लंबा,
- 1 गुणा 6 सेकंड और 1 भाग 16 सेकंड में संपन्न करता था।
एबीसी(Atanasoff-Berry Computer)
क्या है– ‘पहला electronic digital computer’।
आविष्कार– 1939 में, John Atanasoff और clifford Berry द्वारा।
विशेषता
- पहली बार A। L। U।।, व
- Vacuum tube का प्रयोग।
एनिएक(ENIAC)
पूरा नाम– Electronic Numerical Integrator and Calculator।
क्या है– ‘First fully electronic digital computer’।
आविष्कार– 1946 में, अमेरिकी J। P। Eckert और John mauchly ने।
उद्देश्य– मिसाइल प्रौद्योगिकी (Missile technology) हेतु।
विशेषताएं– उच्च प्रोसेसिंग गति(processing speed) व भंडारण क्षमता (storage capacity) ।
सीमाएं– आकार बड़ा, बिजली की खपत अधिक, एयरकंडीशन की आवश्यकता पड़ती थी।
रोबोटिक्स क्या है? विकास, घटक, वर्गीकरण, अनुप्रयोग, भारत में रोबोटिक्स
इडवैक(EDVAC)
- पूरा नाम– Electronic Discrete Variable Automatic Computor।
- आविष्कार– Van Neumann द्वारा।
- विशेषता– ENIAC में प्रोग्राम में परिवर्तन जटिल था, तब न्यूमेन ने ‘संग्रहित प्रोग्राम’(Stored Program) की अवधारणा दी और इसे विकसित किया।
यूनीवैक(UNIVAC)
- पूरा नाम– Universal Automatic Computer।
- क्या है– ‘प्रथम व्यापारिक(commercial) कंप्यूटर’।
- आविष्कार– 1954 में, General Electric Corporation द्वारा।
- विशेषता– व्यापारिक और अन्य सामान्य कार्य में, इसे उपयोगी माना गया।
माइक्रोप्रोसेसर
क्या है– यह छोटे चिप के आकार का, कंप्यूटर प्रोसेसर होता है। IC चिप के 1958 में खोजे जाने के बाद, इसका निर्माण संभव हुआ।
आविष्कार– 1970 में, इंटेल कम्पनी नें “इंटेल 4004” माइक्रोप्रोसेसर निर्मित किया।
विशेषता– इसने, कंप्यूटर क्षेत्र में क्रांति ला दी और छोटे आकार के कंप्यूटरों का निर्माण संभव हुआ।
प्रमुख उत्पादक कंपनियां:-
- इंटेल,
- पेंटियम,
- सेलेरॅान, व
- एएमडी।(Advance Micro Devices)
एप्पल-2
- क्या है– ‘प्रथम व्यापारिक(commercial) माइक्रो(micro) कंप्यूटर’।
- आविष्कार– 1977 में, Steve Jobs और Steve Wozniak द्वारा।
- महत्वपूर्ण तथ्य
- इससे पहले के, एप्पल-1 को 2020 में 2।94 करोड़ में नीलाम किया गया।
- दोनों महाशयों ने, ‘एप्पल इंक’। की स्थापना की।
विकास का वर्गीकरण
हार्डवेयर के उपयोग के आधार पर – कंप्यूटर के विकासक्रम को पांच पीढ़ियों में बांटा गया है:-
- पहली पीढ़ी 1940-1956 तक विकसित हुई
- दूसरी पीढ़ी 1956-1963 तक
- तीसरी पीढ़ी 1964-1971 तक
- चौथी पीढ़ी 1971 से वर्तमान तक
- पांचवीं पीढ़ी अभी भी विकसित की जा रही है
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर
- इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में निर्वात ट्यूब का उपयोग।
- ‘मैग्नेटिक ड्रम’ का उपयोग, प्राइमरी इंटरनल स्टोरेज के रूप में होता था।
- मुख्य भंडारण(main storage) क्षमता सीमित थी।
- इनपुट और आउटपुट अत्यंत मंद प्राप्त होते थे।
- निम्न स्तरीय( low level)प्रोग्रामिंग भाषा जैसे, मशीनी भाषा व असेंबली भाषा का प्रयोग।
- ताप नियंत्रण( temperature controlling) में असुविधा।
- उपयोग– Parallel processing और रिकॉर्ड रखने में।
- उदाहरण– IBM 650 UNIVAC।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर
- इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में ‘ transistor’ का उपयोग।
- प्राइमरी इंटरनल स्टोरेज के लिए, ‘चुंबकीय कोर’( magnetic Core) का उपयोग।
- उच्च स्तरीय(high level) भाषाओं जैसे, COBOL व FORTRAN का उपयोग।
- आकार और ताप में कमी, तीव्र और विश्वसनीय।
- बेंच ओरिएंटेड उपयोग– बिलिंग, पेरोल प्रोसेसिंग, इन्वेंटरी फाइल का अपडेशन।
- उदाहरण– IBM 1401 Honeywell 200 CDC 1604।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर
- इंटीग्रेटेड चिप का उपयोग।
- मुख्य भंडारण में ‘चुंबकीय कोर’ और सॉलिड स्टेट का प्रयोग। (MSI व SSI)
- अधिक लचीला(more Flexible)इनपुट आउटपुट, इनको नियंत्रित करने हेतु सॉफ्टवेयर की उपलब्धता।
- तीव्र, छोटे, विश्वसनीय।
- उच्चस्तरीय भाषा का वृहत् प्रयोग।
- रिमोट प्रोसेसिंग, टाइम शेयरिंग सिस्टम, मल्टीप्रोग्रामिंग सिस्टम का प्रयोग।
- उपयोग- एयरलाइन रिजर्वेशन सिस्टम, क्रेडिट कार्ड बिलिंग, मार्केट फॉरकास्टिंग में।
- उदाहरण- IBM system/360, NCR395, Burrough B6500।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर
- इंटीग्रेटेड चिप में, VLSI व ULSI का उपयोग।
- VLSI– Very Large Scale Integration।
- ULSI– Ultra Large Scale Integration।
- उच्च तथा तीव्र क्षमता वाले भंडारण का विकास।
- माइक्रो प्रोसेसर का विकास– 1971 में, एम।ई। हौफ द्वारा।
- पहले पीसी का विकास– 1981 में, IBM द्वारा।
- उपयोग– इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, व्यवसायिक उत्पादन( commercial production) और व्यक्तिगत(personal) उपयोग।
- उदाहरण– IBM PC-XT, Apple-2।
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर
- ULSI व SLSI का उपयोग।
- भंडारण(storage) में ऑप्टिकल डिस्क का उपयोग।
- इंटरनेट, ई-मेल तथा WWW का विकास।
- बहुत छोटे, तीव्र, उपयोग में आसान।
- उपयोग– इंटरनेट और मल्टीमीडिया में।
- उदाहरण– IBM नोटबुक, पेंटियम PC, सुपर कंप्यूटर।
अगली पीढ़ी के कंप्यूटर
नैनो कंप्यूटर
- इनमें नैनोट्यूब्स(व्यास-1नैनोमीटर=10-9 मी।) प्रयुक्त होते हैं।
- ये अत्यंत छोटे व विशाल होते हैं।
- नैनो टेक्नोलॉजी में पदार्थ की आणविक संरचना का उपयोग होता है।
क्वांटम कंप्यूटर
- मानव मस्तिष्क से तेज, छोटे, तीव्र गति वाले कंप्यूटर।
- इनमें पदार्थ के ‘क्वांटम सिद्धांत’ का पालन होता है।
- इनमें मेमोरी को, ‘क्यूबिट’(Quantum Bit) में मापते हैं।
DNA कंप्यूटर
- इनमें, डीएनए(DNA) या प्रोटीन का प्रयोग कर, डाटा को संरक्षित व प्रोसेस करते हैं।
- उपनाम– Bio कंप्यूटर।
केमिकल कंप्यूटर
- इनमें, गणना हेतु पदार्थ के रासायनिक गुणों व सांद्रता का प्रयोग होता है।
- मुख्य भंडारण क्षमता में वृद्धि।
- तीव्र इनपुट आउटपुट।
कार्य पद्धति के आधार पर
एनालॉग कंप्यूटर
- एनालॉग राशि– समय के साथ लगातार परिवर्तित, भौतिक राशियां है। जैसे, तापक्रम, दबाव, विद्युत वोल्टेज आदि।
- आधार– इनमें डाटा का निरूपण, एनालॉग राशियों के रूप में होता है।
- उदाहरण– एक साधारण घड़ी, वाहन का गति मीटर, वोल्टमीटर आदि।
- ज्ञात हो कि, इनकी गति अत्यंत धीमी होती है अतः अब इस प्रकार के कंप्यूटर प्रचलन से बाहर हैं।
डिजिटल कंप्यूटर
- आधार– यह इलेक्ट्रॉनिक संकेतों पर चलते हैं तथा गणना के लिए, द्विआधारी अंक पद्धति का प्रयोग करते हैं।
- इसमें डाटा निरूपण, बाइनरी रूप(1,0) में किया जाता है और आंकड़ों को, इलेक्ट्रॉनिक पल्स के रूप में निरूपित किया जाता है।
- उपयोगिता– इनकी गति तीव्र होती है, वर्तमान में प्रचलित अधिकांश कंप्यूटर इसी तरह के हैं।
हाइब्रिड कंप्यूटर
- आधार– यह डिजिटल और एनालॉग कंप्यूटर का मिश्रित रूप है।
- उपयोगिता– गणना तथा प्रोसेसिंग हेतु डिजिटल रूप, जबकि इनपुट तथा आउटपुट में, एनालॉग संकेतों का उपयोग होता है।
- अनुप्रयोग– अस्पताल, रक्षा क्षेत्र व विज्ञान आदि में।
आकार और कार्य के आधार पर
मेनफ्रेम कंप्यूटर
क्या है
- इसमें मुख्य कंप्यूटर का अपना केंद्रीय डेटाबेस और प्रोसेसिंग क्षमता होती है।
- यह सभी डाटा और अनुदेशों को स्टोर करता है।
- उपयोगकर्ता “डंब टर्मिनल” के माध्यम से, इस केंद्रीय मुख्य कंप्यूटर से जुड़ता है।
विशेषता
- आकार में बड़े, उच्च स्टोरेज व प्रोसेसिंग क्षमता।
- मल्टीयूजर– इससे, एक साथ कई लोग जुड़कर अलग-अलग कार्य कर सकते हैं।
- दो या अधिक माइक्रोप्रोसेसरों को जोड़कर, प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ायी जा सकती है।
- इसमें ‘टाइम शेयरिंग’ तथा ‘मल्टीप्रोग्रामिंग’ ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग होता है।
उपयोग– MNC कंपनियों, बैंक, रेलवे आरक्षण, रक्षा, अनुसंधान, अंतरिक्ष विज्ञान आदि के क्षेत्र में।
मिनी कंप्यूटर
क्या है
- आकार– मेनफ्रेम > मिनी > माइक्रो कंप्यूटर।
- आविष्कार– 1965 में, DEC(Digital Equipment Corporation) कंपनी द्वारा।
- के कुछ कार्यों तथा इंटरनेट उपयोग हेतु होता है।
- स्मार्टफोन, टेबलेट तथा पीडीए आदि ‘Handheld Device’ कहलाते हैं।
विशेषता
- एक से अधिक माइक्रोप्रोसेसरों का प्रयोग।
- संग्रहण क्षमता और गति अधिक।
- मल्टीयूजर– कई व्यक्ति एक साथ काम कर सकते हैं, अतः संसाधनों का साझा उपयोग होता है।
उपयोग– यात्री आरक्षण, बड़े ऑफिस, कंपनी, अनुसंधान आदि में।
एंबेडेड कंप्यूटर
क्या है– यह एक माइक्रोप्रोसेसर या इंटीग्रेटेड चिप के रूप में होता है, जो विशेष कार्य के लिए तैयार किया जाता है।
उदाहरण– टेलीविजन, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव व कार आदि से जुड़ा छोटा कंप्यूटर, जो इनके कार्य को सरल बनाता है।
माइक्रो कंप्यूटर
क्या है
- 1970 से प्रारंभ हुआ, जब सीपीयू में माइक्रो प्रोसेसर का उपयोग किया गया।
- सर्वप्रथम IBM कंपनी ने इसका विकास किया।
विशेषता
- VLSI और ULSI से माइक्रोप्रोसेसर के आकार में कमी आयी व क्षमता कई गुना बढ़ गयी।
- VLSI– Very Large Scale Integration
- ULSI– Ultra Large Scale Integration
- मल्टीमीडिया और इंटरनेट के विकास से, माइक्रो कंप्यूटर की उपयोगिता हर क्षेत्र में है।
- माइक्रो कंप्यूटरों को, संचार माध्यमों द्वारा आपस में जोड़कर, कंप्यूटर नेटवर्क बनाया जा सकता है।
विभिन्न रूप :—
पर्सनल कंप्यूटर
क्या है– यह एक माइक्रो कंप्यूटर है, जिस पर एक बार में केवल एक ही व्यक्ति(Single User) कार्य कर सकता है।
विकास
- 1981 में, IBM द्वारा। इसके बाद,
- PC-XT(Extended Technology) का और
- PC-AT-Advanced Technology(1984 में) का विकास हुआ। वर्तमान पीढ़ी के सभी पीसी इसी से संबंधित हैं।
विभिन्न भाग
- कीबोर्ड,
- मॉनिटर, व
- सिस्टम यूनिट– सीपीयू, मेमोरी तथा अन्य हार्डवेयर।
विशेषता
- मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम, यानि एक साथ कई कार्य करने की क्षमता।
- इसे मॉडेम की सहायता से आपस में या इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है।
- निर्माता कंपनियां– IBM, Lenovo, Zenith, Apple, HP(Hewlett Packard) आदि।
- उपयोग– घर, ऑफिस, व्यापार, शिक्षा, मनोरंजन, डाटा-संग्रहण व प्रकाशन आदि क्षेत्रों में।
वर्क स्टेशन
क्या है– एक शक्तिशाली पीसी, जो अधिक प्रोसेसिंग क्षमता, विशाल भंडारण और बेहतर डिस्प्ले युक्त होता है।
विशेषता– एक बार में एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है।
उपयोग– वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग, भवन-निर्माण आदि में, वास्तविक परिस्थितियों को उत्पन्न कर, उनका अध्ययन करने में।
नोटबुक कंप्यूटर या लैपटॉप
क्या है– इसमें पीसी की समस्त विशेषताएं मौजूद रहती हैं, यह ‘नोटबुक’ के आकार का कंप्यूटर है, जिसे गोद में रखकर उपयोग किये जाने से ‘लैपटॉप’ कहा गया।
विकास– 1981 में, एडम ऑसबोर्न द्वारा।
विशेषता
- मुड़ने योग्य मॉनिटर, कीबोर्ड, टचपैड, हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क ड्राइव, सीडी/डीवीडी ड्राइव और अन्य पोर्ट होते हैं।
- बैटरी व्यवस्था– यह ‘लीथियम आयन’ की रिचार्जेबल बैटरी होती है। यानि यह विद्युत के बगैर भी कार्य कर सकता है।
- इसे वाईफाई(Wi-Fi) और ब्लूटूथ की सहायता से इंटरनेट से जोड़ते हैं।
नेटबुक
क्या है– लैपटॉप का लघु संस्करण है, जिसे मुख्यतः इंटर्नेट के उपभोग हेतु डिजाइन किया गया है।
विशेषता– इसका आकार व वजन लैपटॉप से कम और प्रोसेसिंग क्षमता भी कम होती है। Netbook शब्द की उत्पत्ति, Internet तथा Notebook शब्द से हुई है।
उपयोग– इंटरनेट सर्फिंग, ईमेलिंग, सोशल मीडिया के प्रयोग और इंटरनेट पर फाइल अपलोड या डाउनलोड करने हेतु।
टेबलेट
क्या है– एक छोटा कंप्यूटर है, जिसमें कीबोर्ड या माउस की जगह स्टाइलस या टचस्क्रीन तकनीक द्वारा इनपुट दिया जाता है।
उदाहरण– Apple कंपनी का i-Pad(2021 में i-Pad 11 pro)
विशेषता
- इनपुट के लिए, ‘वर्चुअल कीबोर्ड’ भी होता है।
- स्मार्टफोन की तरह प्रयोग किया जा सकता है।
- वायरलेस नेटवर्क द्वारा, इंटरनेट से जुड़ सकता है।
- इसे हाथ में रख इस्तेमाल कर सकते हैं, अतः इसे Handheld Computer भी कहते हैं।
पामटॉप
क्या है– इसे ‘मिनी लैपटॉप’ भी कहते हैं, जिसे हाथ में रखकर उपयोग किया जा सकता है।
विशेषता
- इसमें आवाज द्वारा भी इनपुट दिया जाता है।
- इसे फोन की तरह व्यवहार करा सकते हैं।
- इसे PDA(Personal Digital Assistant) भी कहा जाता है।
स्मार्टफोन
क्या है– एक मोबाइल फोन है, जिसमें कंप्यूटर की लगभग सभी विशेषताएं मौजूद रहती हैं।
विशेषता
- इसमें इनपुट के लिए टचस्क्रीन तकनीक प्रयुक्त होती है।
- यह मुख्यतः एक फोन है, जिसका प्रयोग कंप्यूटर प्रोसेसिंग के कुछ कार्यों तथा इंटरनेट उपयोग हेतु होता है।
- स्मार्टफोन, टेबलेट तथा पीडीए आदि ‘Handheld Device’ कहलाते हैं
https://t.me/swayammpofficial001
सुपर कंप्यूटर
क्या है– अत्यधिक तीव्र प्रोसेसिंग शक्ति और विशाल भंडारण क्षमता वाले कंप्यूटर हैं।
विशेषता
- इसमें मल्टी प्रोसेसिंग और समांतर प्रोसेसिंग का उपयोग होता है।
- समांतर प्रोसेसिंग में, किसी कार्य को अलग-अलग टुकड़ों में तोड़, अलग-अलग प्रोसेसर द्वारा संपन्न कराते हैं।
- मल्टीयूजर– अर्थात, इस पर अनेक उपयोगकर्ता एक साथ काम कर सकते हैं।
- प्रोसेसिंग स्पीड की गणना, FLOPS(Floating Point Operations per Second) में की जाती है।
- फ्लोटिंग प्वाइंट से आशय, कंप्यूटर द्वारा संपन्न किए गए किसी भी कार्य से है, जिसमें भिन्न संख्याएं भी शामिल हों।
- वर्तमान सुपर कंप्यूटर की गति ‘Exa Flops’ में मापी जाती है।
विश्व: सुपर कंप्यूटर
प्रथम सुपर कंप्यूटर
- Cray, “क्रे रिसर्च कंपनी”(USA)द्वारा)1976 में।
- सुपर कंप्यूटर के जनक– Seymour Cray।
वर्तमान के प्रमुख सुपर कंप्यूटर
- frontier(USA) – 2023 तक, विश्व का सबसे तीव्र सुपर कंप्यूटर।
- Fugaku(Japan)– 2022 तक, विश्व का सबसे तीव्र सुपर कंप्यूटर।
- Summit(USA) – जून 2020 तक, सबसे तीव्र सुपर कंप्यूटर था।
- Sunway Tihu Light(China)– विश्व का तीसरा सबसे तीव्र सुपर कंप्यूटर है।
भारत: सुपर कंप्यूटर
- शुरुआत– 1980 के दशक में,
- प्रथम– परम 8000, इसे 1991 में ‘विजय भास्कर’(भारतीय सुपर कंप्यूटर के जनक) के नेतृत्व में C-DAC द्वारा विकसित किया गया।
- वर्तमान में सबसे तीव्र– ‘परम सिद्धि’, यह विश्व के शीर्ष 500 सुपर कंप्यूटरों में 63वां स्थान रखता है।
- प्रमुख सुपर कंप्यूटर श्रृंखलाएं
- परम श्रृंखला– पुणे स्थित, C-DAC(Center For Development off Advanced Computing) द्वारा।
- अनुपम श्रृंखला– मुंबई स्थित, BARC(Bhabha Atomic Research Centre)
- पेस श्रृंखला– हैदराबाद स्थित, ANURAG (Advanced Numerical Research and Analysis Group) संस्थान द्वारा DRDO के लिए।
राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटर मिशन
आरम्भ :- मार्च, 2015 में ।
उद्देश्य :- एक विशाल सुपर कम्प्यूटिंग ग्रिड स्थापित कर, राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों को सशक्त बनाना।
क्रियान्वयन :- विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग + इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय + सी-डैक + भारतीय विज्ञान संस्थान ।
महत्वपूर्ण
- इस सुपर कम्प्यूटिंग ग्रिड को राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) से जोड़ा जायेगा ।
- प्रथम चरण में,
- IIT BHU में परम शिवाय,
- IIT-खड़गपुर में परम शक्ति,
- IISER- पुणे में परम ब्रह्म को स्थापित किया गया।
विविध तथ्य
कंप्यूटर का जनक– चार्ल्स वैवेज़
आधुनिक जनक– जॉन वॅान न्यूमैन
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस– 2 दिसंबर
प्रथम कंप्यूटरीकृत डाकघर– बेंगलुरु (16 अगस्त 1986)
प्रथम पूर्ण कंप्यूटरीकृत डाकघर– नई दिल्ली।
भारत का पहला पर्सनल कंप्यूटर– सिद्धार्थ
IBM के DEEP BLUE कंप्यूटर ने शतरंज के तत्कालीन विश्व चैम्पियन गैरी कास्पारोव को पराजित किया था।
कर्नाटक के शहर बेंगलुरु को ‘सिलिकॉन वैली’ के नाम से जाना जाता है।
इंटीग्रेटेड सर्किट (IC)
- विकास :- जैक किल्बी(Jack Kilby) + राबर्ट नोयी (Robert Noyce) द्वारा,
- कब :- 1958 में,
- निर्माण :- अर्धचालक (Semiconductor) पदार्थ सिलिकन (Si) या जर्मेनियम (Ge) के बने हैं।
- इस प्रौद्योगिकी को माइक्रो इलेक्ट्रानिक्स (Micro Electronics) का नाम दिया गया।
ट्रॉजिस्टर (Transister)
- क्या है :- ट्रांजिस्टर एक तीव्र स्विचिंग डिवाइस है।
- आविष्कार :- जॉन वारडीन, विलियम शाकले तथा वाल्टर ब्रेटन (Bardeen, Shockley and Brattain) ने (बेल लैबोरेटरीज (Bell Laboratories) में ) ।
- कब :- 1947 में,
- निर्माण :- अर्द्धचालक (Semiconductor) पदार्थ सिलिकन (Si) या जर्मेनियम (Ge) का बना होता है।