टेलीविजन का विकासक्रम, प्रकार, भारत में टेलीविजन का विकास | 001

टेलीविजन का विकासक्रम

CRT(cathode-ray tube)

  • आविष्कार
  • कब – 1897 ई। में,
  • कार्ल फर्डिनाण्ड ब्रॉन ने ।
  • उपनाम – ब्रौन ट्यूब

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LED

  • खोज – 1927 में,
  • वैज्ञानिक – ओलेग लोसिव ।

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पहला टेलीविजन प्रसारण

  • कब – 1928 में,
  • कहाँ – अमेरिका में ।

प्लाज्मा टीवी

  • खोज – 1936 में,
  • वैज्ञानिक – कैलमैन तिहन्यी ने ।

पहला रंगीन प्रसारण

  • कब – 1950 के दशक में,
  • कहाँ – अमेरिका में ।

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  • क्या – अन्तरिक्ष में स्थापित, पहला संचार उपग्रह ।
  • कब – 1972 में ।
  • देश – कनाड़ा ।

पहला LCD टीवी

  • कब – 1988 में।
  • पूरा नाम – Liquid Crystal Display है।

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टेलीविजन के  प्रकार

इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन

  • प्रयुक्त – कैथोड रे ट्यूब ।
  • कैथोड रे ट्यूब (CRT) ओस्सिलोस्कोप का आविष्कार
  • किसने – कार्ल ब्राउन ने,
  • कब – 1897 मे ।
  • महत्व – इलेक्ट्रिकल सिग्नल को visual सिग्नल में परिवर्तित करती है ।

एनालॉग टीवी 

  • इसमें एनालॉग संचरण का प्रसारण होता है ।
  • यह वायरलेस हो सकता है या केबल कन्वर्टर्स द्वारा तांबे के तार का इस्तेमाल होता है ।

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डिजिटल टेलीविजन

  • क्या – इसमें डिजिटल संकेतों से ऑडियों और वीडियों का संचरण होता है ।
  • विशेषता – चित्र प्रारूपों को उनके अलग-अलग आकार के,
    1. संयोजन,
    2. पहलू अनुपात,
    3. ऊंचाई के अनुपात द्वारा प्रदर्शित करता है ।

  • प्रकार
    1. मानक परिभाषा (SDTV), और
    2. उच्च परिभाषा टेलीविजन (HDTV ) ।

सैटेलाइट टेलीविजन

  • क्या है ?
    • यह उपग्रह के माध्यम से प्रसारण करता है ।
    • इसमें उपग्रह रिसीवर लगा होता है ।
  • महत्व – क्षेत्रों में जहां केबल प्रदाता की सेवाएं नहीं हैं ।

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  • प्रयास
    • प्रथम राष्ट्रीय नेटवर्क
      • नाम – ओबिटा (Obita) ।
      • किसने – सोवियत संघ ने,
      • कब – 1967 में ।

त्रिआयामी टेलीविजन

  • क्या – त्रिआयामी प्रस्तुती तकनीक प्रयुक्त होती है ।
  • महत्व – कार्यक्रम का प्रोजेक्शन, यथार्थ स्वरूपी त्रि-आयामी क्षेत्र की तरह होता है ।

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  • घटक – स्टीरियो स्कोपिक कैप्चर + एक त्रिआयामी डिस्प्ले ।

 इंटरनेट टेलीविजन (ऑनलाइन टीवी)

  • क्या – इसमें आईपी टीवी का उपयोग कर, इन्टरनेट के माध्यम से प्रसारण होता है ।
  • महत्व
    1. ओंन डिमांड प्रदर्शन में सहायक, अर्थात् रूचि अनुरूप कार्यक्रम का चयन ।
    2. सीधे प्रोग्राम डानउलोड कर सकते हैं।

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भारत में टेलीविजन का विकासक्रम

पहली टेलीविजन (उपहारस्वरूप प्राप्त)

  • कम्पनी – फिलिप्स (नीदरलैंड) ।
  • कब – 1959 में ।

दूरदर्शन

  • स्थापना – 1959 में,
  • क्या – भारतीय सार्वजनिक सेवा प्रसारक है ।
  • पहला कार्यक्रम
    • कब – 15 सितम्बर 1959 को,
    • कहाँ – नई दिल्ली में(आकाशवाणी भवन से) ।
  • दूसरा चैनल – मुम्बई में शुरू हुआ ।
  • नियमित दैनिक प्रसारण
    • कब – 1965 में ।
    • ऑल इण्डिया रेडियो के एक भाग के रूप में ।
  • दूरदर्शन सेवा का विस्तार
    • 1972 में – मुम्बई और अमृतसर में ।
    • 1975 में – कोलकाता, चैन्नई, श्रीनगर, अमृतसर, लखनऊ में ।

टीवी व रेडियो सेवा का पृथक्करण – 1 अप्रैल 1976 को ।

रंगीन प्रसारण

  • कब से – 1982 से ।
  • 1982 में इन्दिरा गाँधी द्वारा स्वतन्त्रता दिवस के भाषण और दिल्ली में 1982 में आयोजित एशियाई खेलों के प्रसारण के साथ आरंभ हुआ ।

उपग्रह आधारित संचार व्यवस्था

  • आरम्भ – 1962 में,
  • इंटेलसैट (INTALSAT) उपग्रह के साथ ।

इंटरनेशनल मैरीटाइम सैटेलाइट ऑर्गेनाइजेशन (INMARSAT)

  • क्या – 72 देशों का उपग्रह सम्बन्धी संगठन है।

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  • प्रारम्भ – 1979 में ।
  • मुख्यालय – लंदन में।

प्रसार भारती

  • गठन – 23 नवंबर, 1997
  • क्या – देश में लोकसेवा प्रसारक है ।
  • महत्वपूर्ण प्रभाग – आकाशवाणी, और  दूरदर्शन हैं ।
  • मुख्य उद्देश्य
    1. रेडियो और दूरदर्शन पर संतुलित प्रसारण,
    2. लोगों को शिक्षित, और
    3. मनोरंजन करना ।

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  • संचालित प्रसारण सेवाएँ

राष्ट्रीय चैनल

    • शुरूआत – 18 मई, 1988 को ।
    • विशेषता
      1. इस चैनल के कार्यक्रम राष्ट्र-स्तरीय होते हैं ।
      2. यह समस्त राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता और लोकजीवन का प्रतिनिधित्व करते हैं ।

क्षेत्रीय चैनल

    • यह प्रत्येक राज्य के प्रमुख भाषाई, सांस्कृतिक क्षेत्रों में हैं ।
    • यह क्षेत्रीय श्रोताओं को सूचना और मनोरंजन प्रदान करते हैं।

स्थानीय रेडियो केन्द्र

    • संख्या – देशभर में 86 हैं ।
    • महत्व – स्थानीय आबादी तक पहुंच, उपयोगी सेवाएं देते हैं।

सामुदायिक रेडियो केन्द्र

    • क्या – स्थानीय जनजातीय आबादी हेतु समर्पित हैं ।
    • प्रमुख केंद्र – पूर्वोत्तर भारत में पांच स्थानों पर ।
    • मध्यप्रदेश में
      1. अलीराजपुर के भाँवरा में भीली सामुदायिक रेडियो केन्द्र(विश्व का पहला), तथा
      2. श्योपुर(सेसईपुर) में सहरिया सामुदायिक रेडियो केंद्र(2020),
      3. खालवा (खण्डवा) में कोरकू रेडियो सामुदयिक केन्द्र है ।
      4. अतिरिक्त,  गोंड + बैगा  + सहरिया + कोरकू + भारिया जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में हैं ।
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