ई–गवर्नेंस क्या हैं?
इ गवर्नेस का मतलब सभी सरकारी कार्यों को ऑनलाइन सर्विस के माध्यम से जनता तक आसानी से पहुंचाना। जिससे सरकारी कार्यालयों और जनता दोनों के पैसे और समय की बचत हो सके, और बार बार आपको विभिन्न दफ्तरों के चक्कर न लगाना पड़े। सीधे शब्दों में कहें तो इ गवर्नेस के तहत सभी सरकारी कामकाजों को ऑनलाइन कर दिया गया है जिससे जनता घर बैठे विभिन्न कार्यों के लिए ऑनलाइन ही अप्लाई कर सके।![e-governance 1 e gov](https://swayammp.in/wp-content/uploads/2024/03/e-gov.jpg)
- आप ऑनलाइन बैंकिंग के जरिये सभी बेकिंग सेवाओ का लाभ उठा सकते हैं।
- GST से सम्बंधित सभी कार्य ऑनलाइन ही कर सकते हैं।
- बिजली, पानी, टेलीफोन, मोबाइल, DTH इत्यादि के बिल ऑनलाइन भरे जा सकते हैं। PAN कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, जाती प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन |
- आयकर रिटर्न फाइलिंग के सभी कार्य ऑनलाइन किये जा सकते हैं। • ट्रेन, बस और हवाई जहाज की टिकट ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
- G2E (Government to Employees):- जी 2 ई यानी सरकार से कर्मचारी, किसी भी देश की सरकार सबसे बड़ी नियोक्ता है और इसलिए वह नियमित आधार पर कर्मचारियों के साथ काम करती है, यह सरकार और कर्मचारियों के बीच कुशलता और तेजी से संपर्क बनाने में मदद करता है, साथ ही उनके लाभों को बढ़ाकर उनके संतुष्टि स्तर तक पहुँचाने में मदद करता है
- G2G (Government to Government):- जी 2 जी यानी सरकार से सरकार, जब सूचना और सेवाओं का आदान-प्रदान सरकार की परिधि में होता है, इसे जी 2 जी इंटरैक्शन कहा जाता है। यह विभिन्न सरकारी संस्थाओं और राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय सरकारी संस्थाओं के बीच और इकाई के विभिन्न स्तरों के बीच कार्य करता है।
- G2C (Government to Citizen):- जी 2 सी यानी सरकार से नागरिक, यह सरकार और आम जनता के बीच बातचीत को जी 2 सी कहते है। यहां एक प्रकिया सरकार और नागरिकों के बीच स्थापित कि गई है, जिससे नागरिक विभिन्न प्रकार की सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच सकते हैं। नागरिकों को किसी भी समय, कहीं भी सरकारी नीतियों पर अपने विचारों और शिकायतों को साझा करने की स्वतंत्रता है।
- G2B (Government to Business):- जी 2 बी यानी सरकार से व्यवसाय, इसमे ई-गवर्नेस बिजनेस क्लास को सरकार के साथ सहज तरीके से बातचीत करने में मदद करता है। इसका उद्देश्य व्यापार के माहौल में और सरकार के साथ बातचीत करते समय पारदर्शिता स्थापित करना है।
- कम्प्यूटरीकरण (Computerization): पहले चरण में, व्यक्तिगत कंप्यूटर की उपलब्धता के
- साथ सभी सरकारी कार्यालय में पर्सनल कंप्यूटर स्थापित किये गए। कंप्यूटर का उपयोग वर्ड प्रोसेसिंग के साथ शुरू हुआ, इसके बाद डेटा प्रोसेसिंग में तेजी आई।
- नेटवर्किंगः इस चरण में, कुछ सरकारी संगठनों की कुछ इकाइयाँ को विभिन्न सरकारी संस्थाओं के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान और डेटा के प्रवाह के लिए एक हब के माध्यम से जोड़ा गया।
- ऑन-लाइन उपस्थिति (On-line presence): तीसरे चरण में, इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ, वेब पर उपस्थिति बनाए रखने के लिए एक आवश्यकता महसूस की गई। इसके परिणामस्वरूप सरकारी विभागों और अन्य संस्थाओं द्वारा वेबसाइटों का रखरखाव किया गया। आम तौर पर, इन वेब पृष्ठों / वेब साइटों में संगठनात्मक संरचना, संपर्क विवरण, रिपोर्ट और
- प्रकाशन, संबंधित सरकारी संस्थाओं के उद्देश्य और दृष्टि विवरण के बारे में जानकारी होती थी। ऑनलाइन अन्तरक्रियाशीलता (Online interactivity): ऑन-लाइन उपस्थिति का एक स्वाभाविक महत्व सरकारी संस्थाओं और नागरिकों, नागरिक समाज संगठनों आदि के बीच संचार चैनलों का खोला जाना था। इस चरण का मुख्य उद्देश्य डाउनलोड करने योग्य फॉर्म प्रदान करके सरकारी संस्थाओं के साथ व्यक्तिगत इंटरफ़ेस के दायरे को कम करना था।
- ई-गवर्नेस शासन में सुधार है जो सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के संसाधन उपयोग द्वारा सक्षम है। ई-गवर्नेस सभी नागरिकों के लिए सूचना और उत्क्रिस्ट सेवाओं की बेहतर पहुंच बनाता है।
- यह सरकार में सरलता, दक्षता और जवाबदेही भी लाता है।
- आईसीटी के उपयोग के माध्यम से शासन को व्यापक व्यापार प्रक्रिया के साथ संयुक्त रूप से पुनर्व्यवस्थित करने से जटिल प्रक्रियाओं का सरलीकरण, संरचनाओं में सरलीकरण और विधियों और नियमों में बदलाव होगा।
- ई गवर्नेस नागरिकों और सरकार के लिए लाभप्रद है क्योंकि संचार प्रौद्योगिकी का तेजी से विकास हो रहा है और शासन में इसे अपनाने से सरकारी मशीनरी को नागरिकों के घर-द्वार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
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