Hacking:

हैकिंग परिभाषा किसी खाते या कंप्यूटर सिस्टम तक अनधिकृत पहुंच के माध्यम से डिजिटल उपकरणों और नेटवर्क से समझौता करने का कार्य है।

Hacking, Internet के माध्यम से किया जाने वाला एक प्रकार की कला (art) होती है।

इसमें किसी Company के data या किसी के Personal Data पर Hacker अपना Control स्थापित करके data को Secure करते है

या उसका गलत उपयोग करते है। यह hacker पर निर्भर करता है।

Types of Hackers

  1. Black Hat Hacker
  2. Grey Hat Hacker
  3. White Hat Hacker

1 Black Hat Hackerimages

Black Hat Hacker गलत इरादे से किसी System या network में बिना permission unauthorized तरीका से Entry ले लेता है।

और System Security को damage करता है। ऐसा करने के पीछे उसका मकसद Passwords, Financial Information और Other Personal data चुराना होता है।

हाल ही के दिनों में hacking से संबंधी Crime बढ़ा है। ये Hacking से सम्बन्धित Crime Black Hat Hacker के द्वारा किया जाता है।

Black Hat Hacker बिना किसी permission के किसी सिस्टम या वेबसाइट पर Hacking करते है और उसे नुकसान करने का काम करते है।

2 Grey Hat Hacker

Grey Hat Hacker भी Black Hat Hacker की तरह system को hack करते है। लेकिन उनका कोई गलत इरादा नहीं होता है।

Grey Hat Hacker system को hack करके system के सारे loop hole और Vulnerabilities को Intelligence Agencies और Law Enforcement Agencies को बताते है।

इनका काम अक्सर computer system को hack करके उसमे मौजूद कमियों को पता लगाना और उसके बारे में administrator को Inform करना होता है।

ताकि उन्हें तुरंत दूर किया जा सके। और इन कमियों का फायदा उठा कर Black Hat hacker सेंध न लगा सके।

एक नॉमिनल Fee लेकर Grey Hat Hacker Defect को भी ठीक कर सकते है।

Grey Hat Hacker कभी कभी केवल Fun के लिए भी hacking कामो को अंजाम देते है। जो गैर कानूनी तरीका है।

लेकिन Hack करने के लिए उनका कोई गलत intension नहीं होता है। ये केवल परेशान करने के लिए या मौज-मस्ती के लिए hack करते है, Hack करके वे नुकसान नहीं पहुँचाते है इसलिए उन्हें Grey Hat Hacker कहा जाता है।

3 White Hat Hacker

व्हाइट हैट हैकर – या एथिकल हैकर – एक ऐसा व्यक्ति है जो हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर या नेटवर्क में सुरक्षा कमजोरियों की पहचान करने के लिए हैकिंग कौशल का उपयोग करता है। हालाँकि, ब्लैक हैट हैकर्स – या दुर्भावनापूर्ण हैकर्स के विपरीत – व्हाइट हैट हैकर्स कानून के नियम का सम्मान करते हैं क्योंकि यह हैकिंग पर लागू होता है। कई व्हाइट हैट हैकर पूर्व ब्लैक हैट हैकर हैं।

साइबर अपराध से बचने के उपाय (Ways To Prevent Cyber Crime)

  • Login ID तथा पासवर्ड सुरक्षित रखना तथा समय समय पर इसे परिवर्तित करते रहना –
  • Antivirus साफ्टवेयर का प्रयोग करना
  • Fire wall का प्रयोग करना
  • Data की Back – Up Copy रखना
  • Proxy Server का प्रयोग करना
  • Data को गुप्त कोड (Encrypted Form) में बदलकर भेजना व प्राप्त करना

Types of Cyber Attacks:

  • Spyware Spyware एक हानिकारक सॉफ्टवेयर होता है जो आपकी जानकारी के बिना आपके कंप्यूटर में install हो जाता है और महत्वपूर्ण डेटा और सूचना की चोरी कर लेता है.
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “स्पाइवेयर एक malware है जो आपके कंप्यूटर या डिवाइस में आपकी जानकारी के बिना घुस जाता है और आपकी संवेदनशील जानकारी (जैसे कि- बैंक की जानकारी या पासवर्ड आदि) को चुराकर आपको नुकसान पहुंचाता है.”
  • Spyware में spy का मतलब होता है जासूस, जिस प्रकार जासूस चोरी छिपे किसी व्यक्ति की जासूसी करता है उसी प्रकार spyware एक खतरनाक सॉफ्टवेयर है जो आपके कंप्यूटर में होने वाली गतिविधियों की जासूसी करता है.The overview of some common types of cyber attacks
  • स्पाइवेयर आपकी अनुमति के बिना आपकी जानकारी को कही भी ट्रांसफर कर सकता है। स्पाइवेयर कंप्यूटर में प्रवेश करके डेटा को डिलीट कर सकता है, जरुरी जानकारी को अन्य लोगो के पास भेज सकता है और पूरे कंप्यूटर में फैल सकता है।
  • इसे यूजर की गुप्त जानकारी को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस सॉफ्टवेयर का उपयोग हैकर के द्वारा डेटा को ट्रैक करने, चोरी करने और डेटा को बेचने के लिए किया जाता है।
  • स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर हैकर के लिए लोकप्रिय विकल्प होता है क्योकि इसे पहचानना किसी भी user के लिए मुश्किल होता है।
  • यह एक वायरस भी है जो डिवाइस या कंप्यूटर की performance को धीमा कर देता है जिसके कारण कंप्यूटर तेज गति से कार्य नहीं कर पाता। यह यूजर की परमिशन के बिना खुदको ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जोड़ लेता है और पुरे कंप्यूटर पर कब्जा कर लेता है।

स्पाइवेयर के हमले से कैसे बचे-

  • अनऑथराइज्ड ईमेल को ओपन ना करें.
  • बिना भरोसेमंद वाले सोर्सेज से फाइल डाउनलोड ना करें.
  • पॉप-अप एडवर्टीजमेंट्स पर क्लिक न करें.
  • अच्छी कंपनी का एंटीवायरस सॉफ्टवेयर ही उपयोग करें.

Types of Spyware  (स्पाइवेयर के प्रकार)-

(1) KeyLogger (कीलॉगर)- एक विशेष प्रकार का स्पाइवेयर है जिसके द्वारा हैकर यह पता लगा सकता है कि कीबोर्ड पर क्या type किया जा रहा है। इसके जरिये यह पता लग जाता है कि कंप्यूटर में क्या टाइप किया जा रहा है.

(2) Adware (एडवेयर)- एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर पर विज्ञापन (advertisment) दिखाता है। यह कंप्यूटर पर ऐसे विज्ञापन दिखाता है जिनमे वायरस होता है और जैसे ही आप उस विज्ञापन में क्लिक करते हैं तो वह वायरस कंप्यूटर में प्रवेश कर जाते है।

(3) Trojan (ट्रोजन)- एक प्रकार का Malware है। जब कोई यूजर कंप्यूटर में किसी नए प्रोग्राम या एप्लीकेशन को install करता है तब यह वायरस कंप्यूटर में अपने आप प्रवेश (Enter) कर जाता है। यह वायरस कंप्यूटर को unauthorized (बिना अनुमति के) access प्रदान करता है।

(4) Browser hijacker (ब्राउज़र हाईजैकर) -एक स्पाइवेयर है जो वेब ब्राउज़र के functions को हाईजैक कर लेता है और हमें अपने आप ही किसी भी वेबसाइट में भेज देता है. हम जब भी ब्राउज़र open करते है तो यह अपने आप ही हमें अनचाही websites में भेज देता है.

(5) Rootkit (रूटकिट)-  एक प्रकार का spyware है जिसका उपयोग हैकर्स के द्वारा कंप्यूटर तक पहुंचने और उसमे मौजूद डेटा को चुराने के लिए किया जाता है। इसमें हैकर कंप्यूटर को पूरी तरह नियंत्रित कर सकता है।

(6) Web beacon (वेब बीकन) -यह एक प्रकार की तकनीक है जिसका उपयोग वेब पेजों और ईमेल पर किया जाता है। यह यूजर के द्वारा पढ़े गए ईमेल को ट्रैक करते है और इस जानकारी को थर्ड पार्टी के पास भेज देते है।

(7) Password theft spyware (पासवर्ड थेफ्ट स्पाइवेयर) – का मुख्य उद्देश्य यूजर के पासवर्ड, और user name जैसी जानकारी की चोरी करना होता है। यह वायरस यूजर की गुप्त जानकारी को चुराने में सक्षम होता है।

(8) Mobile spyware (मोबाइल स्पाइवेयर)-  यूजर के फ़ोन की निगरानी करता है। यह सॉफ्टवेयर फ़ोन की गतिविधियों की निगरानी करता है और यूजर के डेटा की चोरी करता है।

(9) Cookie tracker (कुकी ट्रैकर) -एक text file होती है जिसमें यूजर की infromation मौजूद होती है. जब हम इन्टरनेट पर कोई वेबसाइट खोलते हैं। तब ब्राउज़र में एक छोटा Text File Save हो जाता है। जिसे Cookies कहा जाता है।, Cookie Tracker आपके ब्राउज़र में मौजूद cookie को track करके आपकी information चुरा लेता है और इस information को किसी कंपनी या व्यक्ति को बेच देता है.

Malware:
  •  Malware एक बहुत ही हानिकारक सॉफ्टवेयर होता है जिसका इस्तेमाल हैकर और साइबर अपराधियों के द्वारा किसी व्यक्ति की महत्वपूर्ण जानकारी को चुराने के लिए किया जाता है.
  • मैलवेयर को Malicious Software या Malicious Program के नाम से भी जाना जाता है.
  • दुसरे शब्दों में कहें तो, “Malware एक खतरनाक सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम होता है जो आपकी जानकारी के बिना आपके कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है और आपके कंप्यूटर में जितना भी डेटा है उसे चुरा लेता है और डेटा को डिलीट भी कर देता है.”
  • मैलवेयर का मुख्य उद्देश्य कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाना, नेटवर्क को हैक करना, व्यक्ति के प्राइवेट डेटा को चोरी और डिलीट करना होता है.
  • जब एक बार malware कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है तो वह अपने आप ही पूरे कंप्यूटर में फैल जाता है और कंप्यूटर में मौजूद सभी programs और data को corrupt कर देता है.
  • हैकर मैलवेयर का इस्तेमाल व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे चुराने के लिए भी करते है। इसके साथ-साथ इसका इस्तेमाल करके हैकर बड़ी-बड़ी कंपनियों के डेटा को चुराते है और उस डेटा का गलत इस्तेमाल करते है।
  • Malware केवल कंप्यूटर के लिए ही हानिकारक नहीं है बल्कि सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के लिए हानिकारक है उदहारण के लिए लेपटॉप, मोबाइल, टेबलेट, नेटवर्क, और सर्वर आदि।
  • मैलवेयर सबसे ज्यादा इंटरनेट के माध्यम से हमारे कंप्यूटर में प्रवेश करता है, जब हम इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो कई बार हम सॉफ्टवेयर के crack वर्जन को डाउनलोड कर लेते हैं या अनजाने में किसी लिंक को क्लिक कर देते है. जैसे ही हम लिंक को क्लिक करते हैं तो मैलवेयर हमारे कंप्यूटर या मोबाइल में आ जाता है.
  • Malware से बचने के लिए हमें अपने कंप्यूटर में एंटी मैलवेयर या एंटीवायरस का इस्तेमाल करना चाहिए। एंटीवायरस एक सॉफ्टवेयर होता है जो सभी वायरस और मैलवेयर को कंप्यूटर सिस्टम से डिलीट कर देता है।

Types of Malware (मैलवेयर के प्रकार )–

1- Ransomware (रैनसमवेयर) – एक प्रकार का मैलवेयर है जो यूजर के डेटा को चोरी करता है और चोरी करने के बाद यूजर को ब्लैकमेल करता है। यह यूजर से डेटा के लिए फ़िरौती की मांग करता है, अगर यूजर फिरौती नहीं देता तो यह यूजर को डेटा वापस नहीं करता है.

2- Trojan horse (ट्रोजन हॉर्स) – एक हानिकारक सॉफ्टवेयर होता है जो हमें शुरुआत में किसी सामान्य सॉफ्टवेयर की तरह ही लगता है इसलिए हम इसे अपने कंप्यूटर में install कर लेते हैं. जैसे हम इसे इनस्टॉल करते हैं तो यह हमारे डेटा और सूचना को चुराने लग जाता है.1 lLbXpF1 4TxockmPQsZj5g e1712011152505

3- Worm (वोर्म) – एक मैलवेयर होता है जो बहुत तेजी से कंप्यूटर में फैलता है. यह अपने आप ही पूरे कंप्यूटर में फैलकर कंप्यूटर में मौजूद files को डिलीट कर देता है और कंप्यूटर की स्पीड को बहुत धीमा कर देता है.

4- Spyware (स्पाइवेयर) – एक प्रकार का malware है जो आपके कंप्यूटर में आपकी जानकारी के बिना घुस जाता है और आपकी संवेदनशील जानकारी (जैसे कि बैंक की जानकारी या पासवर्ड आदि) को चुराकर आपको नुकसान पहुंचाता है.

5- Virus (वायरस) – एक प्रकार का प्रोग्राम होता है जो किसी अनजान फाइल से जुड़ा होता है। जब कोई यूजर उस अनजान फाइल को डाउनलोड करता है तो वायरस कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है और कंप्यूटर को नुकसान पहुचाने लग जाता है।

6- Logic Bomb (लॉजिक बम) – एक हानिकारक कोड होता है जिसे जान बुझकर किसी सॉफ्टवेयर में डाला जाता है. लॉजिक बम का मुख्य उद्देश्य महत्वपूर्ण फाइल को डिलीट करना, प्राइवेट जानकारी को चुराना और हार्ड डिस्क में मौजूद डाटा को डिलीट करना होता है.

7- Adware (एडवेयर) – एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर पर विज्ञापन (ads) दिखाता है। यह कंप्यूटर पर ऐसे विज्ञापन दिखाता है जिनमे वायरस होता है और जैसे ही आप उस विज्ञापन में क्लिक करते हैं तो वह वायरस कंप्यूटर में प्रवेश कर जाते है।

8- Rootkit (रूटकिट) -एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जिसका इस्तेमाल हैकर के द्वारा कंप्यूटर तक पहुंचने और उसमे मौजूद डेटा को चुराने के लिए किया जाता है। इसमें हैकर कंप्यूटर को पूरी तरह नियंत्रित कर सकता है।

9- Keylogger (कीलॉगर) – एक विशेष प्रकार का मैलवेयर है जिसके द्वारा हैकर यह पता लगा सकता है कि कीबोर्ड पर क्या type किया जा रहा है। इसके जरिये यह पता लग जाता है कि कंप्यूटर में क्या टाइप किया जा रहा है.

मैलवेयर से बचाव के तरीके-

1- एंटीवायरस इनस्टॉल करें: मैलवेयर या किसी अन्य वायरस से बचाव के लिए यूजर को कंप्यूटर में एंटीवायरस को इनस्टॉल करके रखना चाहिए। एंटीवायरस एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है। जो मैलवेयर या वायरस को डिटेक्ट करके उसे डिलीट करता है।1615919193441

2- कंप्यूटर को अपडेट करें: कंप्यूटर को मैलवेयर से बचाने के लिए हमे कंप्यूटर को नियमित रूप से अपडेट करना होगा। क्योकि जब सिस्टम update होता है तो उसमे नए Feature Add होते जो कंप्यूटर को मैलवेयर से बचाने में मदद करते है।

3- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: मैलवेयर से बचाव के लिए यूजर को हमेशा strong password का उपयोग करना चाहिए। यदि यूजर कंप्यूटर में डेटा और फाइलों को सुरक्षित करने के लिए कमजोर पासवर्ड का इस्तेमाल करता है त तो हैकर और वायरस आसानी से मी से डेटा को चुरा सकता है और कंप्यूटर में फैल सकता है।

4-फ़ायरवॉल का इस्तेमाल करें: मैलवेयर से बचने के लिए कंप्यूटर सिस्टम में Firewall का इस्तेमाल करना चाहिए। फ़ायरवॉल एक दीवार की तरह होता है जो Malware से कंप्यूटर सिस्टम को बचाता है। Antivirus की तुलना में फ़ायरवॉल बेहतर तरीके से सिस्टम को मैलवेयर से बचाता है।

5- Pop Up ब्लॉकर का इस्तेमाल करें: कंप्यूटर सिस्टम को मैलवेयर से बचाने के लिए हमे Popup Blocker का प्रयोग करना चाहिए। pop up ब्लॉकर ब्राउज़र में आने वाले pop up विज्ञापनों को ब्लॉक कर देता है.

6- अज्ञात लिंक पर क्लिक ना करें: हमें किसी भी अनजाने link पर क्लिक करने से बचना चाहिए। चाहे वह ईमेल, वेबसाइट या whatsapp के माध्यम से आया हो, अगर कोई link बिना जानकारी के लगता है, तो उससे दूर रहें।

Symptoms of Malware(मैलवेयर के लक्षण)-

हम नीचे दिए गये लक्षणों के आधार पर पता लगा सकते हैं कि कंप्यूटर में मैलवेयर आ चूका है या नहीं.

1- यदि मैलवेयर आपके कंप्यूटर में प्रवेश कर चूका है तो आपके कंप्यूटर के कार्य करने की स्पीड धीमी हो सकती है। क्योकि यह आपके कंप्यूटर की मेमोरी को पूरी तरह भर देता है जिसकी वजह से कंप्यूटर की स्पीड धीमी हो जाती है।

2- यदि कंप्यूटर या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में अपने आप सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन open होने लगे तो समझ लीजिये मैलवेयर आपके डिवाइस में प्रवेश कर चूका है।

3- वेब ब्राउज़र की गति का धीमा होना भी मैलवेयर का एक लक्ष्ण है। यदि ब्राउज़िंग करते वक़्त ब्राउज़र धीमी गति से काम कर रहा है तो हो सकता है की मैलवेयर आपके डिवाइस में प्रवेश कर चूका है।

4- यदि यूजर की अनुमति के बिना उसके सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट हो जाते है तो मैलवेयर आपके डिवाइस में प्रवेश कर चूका है।

5- यदि आपका ब्राउज़र आपको गलत वेबसाइट पर लेकर जा रहा है तो यह भी मैलवेयर का एक लक्ष्ण है।

6- अचानक से आपका सोशल मीडिया अकाउंट suspend (निलंबित) होना भी इसका एक लक्ष्ण है।

7- आपकी अनुमति के बिना सुरक्षा सेटिंग में परिवर्तन मैलवेयर का एक लक्ष्ण है।

मैलवेयर के नुकसान – Disadvantages of Malware

1- मैलवेयर कंप्यूटर के कार्य करने की गति को धीमा कर देता है।

2- यह व्यक्ति की private जानकरी को भी चुरा लेता है जिनमे बैंक खाते की जानकारी, ATM का पिन आदि जानकारी शामिल है।

3- यह यूजर की जरुरी डेटा और फाइलों को चुराकर उस डेटा का गलत इस्तेमाल करता है।

4- यह यूजर की गतिविधियों पर नजर रखता है जो अपराध है।

5- यह यूजर के डेटा की चोरी करके उसके बदले पैसे मांगता है। यह यूजर को ब्लैकमेल करने का काम करता है।

6- यह यूजर की अनुमति के बिना उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर गलत पोस्ट करता है।

7- यह यूजर की अनुमति के बिना उसके पुरे कंप्यूटर सिस्टम को कण्ट्रोल करता है।

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